कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले महीने दिल्ली जाने वाली हैं। वहां उनकी मुलाकात पीएम मोदी के साथ भी होगी। यह जानकारी सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार सुबह दी है। उन्होंने बताया है कि 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का फंड रिलीज करवाने के लिए ममता का दिल्ली दौरा होगा। तृणमूल नेता ने बताया है कि दिसंबर महीने के तीसरे हफ्ते में ममता बनर्जी का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है।
उनके साथ पार्टी के कई सांसद भी होंगे। मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के लिए समय लेंगी और बंगाल के बकाए पर बातचीत करेंगी। इस बारे में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ममता बनर्जी दबाव की राजनीति का सहारा ले रही हैं। वह जानती हैं कि अगले कुछ महीनों में देश में लोकसभा के चुनाव होने हैं।
बंगाल के बकाए की मांग पर वह केंद्र को बार-बार कटघरे में खड़ा कर इसका राजनीतिक लाभ लेना चाहती हैं, लेकिन बंगाल के लोग जानते हैं कि मनरेगा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। जो लोग वास्तविक तौर पर मनरेगा में काम के लिए शामिल किए जाने चाहिए उन्हें शामिल नहीं किया गया है और केवल तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता उसमें काम करते हैं।
10 लोग काम करते हैं तो 30 लोगों की हाजिरी लगाकर रुपये उठाए गए हैं। नियम है कि केंद्र से राज्यों को मिलने वाले फंड का पूरा हिसाब कैग को भेजना पड़ता है, लेकिन बंगाल सरकार केंद्र से मिलने वाली राशि का हिसाब ही नहीं देती और गबन कर जाती है। इसलिए मनरेगा का फंड रुका हुआ है।
भाजपा के नेता ने कहा कि ममता बनर्जी चाहती ही नहीं हैं कि मनरेगा में काम करने वाले लोगों का बकाया भुगतान हो। अगर वह ऐसा चाहतीं तो केंद्र ने उन्हें हिसाब भेजना के लिए कहा है। वह हिसाब भेज देतीं तो फंड रिलीज हो जाता लेकिन राज्य सरकार जानबूझकर नहीं भेज रही है ताकि लोकसभा चुनाव से पहले इस पर राजनीति की जा सके।