कोलकाता। सर्दी के मौसम की शुरुआत में दक्षिण 24 परगना के पाथरप्रतिमा के श्रीधर नगर गांव में बाघों का आतंक बढ़ गया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार कुछ ग्रामीणों ने नदी किनारे एक अज्ञात जानवर को देखा। एक महिला उस रास्ते से घर लौट रही थी तभी उसे लाइट की रोशनी में एक पीली धारीदार कोई जंतु सरीखे दिखाई दिया। वह डर के मारे चिल्लाई और वहीं बेहोश हो गयी। महिला की चीख सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे।
फिर महिला को बचाकर इलाके में लाया गया। महिला का कहना है कि नदी किनार बाघ हैं। सुबह स्थानीय लोग नदी के घाट पर गये तो उन्हें असली बाघ के पैरों के निशान दिखे। इसके बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी। बाघ के नदी में चरने की खबर पूरे इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई।
इलाके में बाघ होने की जानकारी मिलने पर ग्रामीण घबरा गए। वन अधिकारी क्षेत्र में पहुंचे। पैरों के निशान देखकर वन अधिकारियों ने स्थानीय ग्रामीणों को जंगल के पास के इलाके से सुरक्षित स्थान पर चले जाने को कहा. साथ ही वन विभाग माइकिंग के जरिए लोगों को चेतावनी देने का काम कर रहा है।
इसके अलावा जंगल में 3 पिंजरे भी हैं। ग्रामीण सुबह से ही लाठी-डंडे लेकर इलाके में पहरा दे रहे हैं।हालांकि, नदी तल पर बाघ के पैरों के निशान देखकर उसकी मूवमेंट जानने की कोशिश की जा रही है। साथ ही वन विभाग की ओर से जंगल के आसपास के क्षेत्र को जाल से घेरने की व्यवस्था की गयी है।
इस संबंध में दक्षिण 24 परगना के मुख्य वन अधिकारी (डीएफओ) मिलन कांति मंडल ने कहा कि नदी तल पर बाघ के पैरों के निशान देखने के बाद ग्रामीणों ने सूचना दी। अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं। बाघ को पकड़ने के लिए जंगल में पिंजरा बनाया गया है।
साथ ही ग्रामीणों को सचेत करने के लिए माइकिंग भी करायी जा रही है। पिछले साल पाथरप्रतिमा इलाके में एक साथ तीन बाघ देखे गए थे। इलाके में बाघ घुसने की घटना से एक बार फिर पूरे इलाके में दहशत फैल गई है।