वाराणसी। भारत देश में गणेश चतुर्थी का उत्सव आने वाला है और देशवासियों में इस गणेश चतुर्थी को लेकर एक खास उत्साह है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग घर में गणेश जी की मूर्ति लाते हैं और विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं और 10 दिन बाद उनका विसर्जन कर देते हैं।
गणेश जी को लाने की शुभ समय : गणेश चतुर्थी का त्योहार 19 सितंबर मंगलवार के दिन मनाया जायेगा। वहीं इस दिन को गणेश जी विराजमान होंगे। उस दिन सुबह से भद्रा लग रही है और भद्रा का साया सुबह 06 बजकर 08 मिनट से दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। वहीं 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी पर रवि योग सुबह 06 बजकर 08 मिनट से बन रहा है और यह दोपहर 01 बजकर 48 मिनट पर खत्म होगा।
इसलिए गणेश चतुर्थी की पूजा आप रवि योग में करेंगे। भद्रा काल में शुभ कार्य करने वर्जित हैं लेकिन गणेश चतुर्थी पर पाताल की भद्रा है, जिसका दुष्प्रभाव पृथ्वी लोक पर नहीं माना जाता है। इस दौरान 19 सितंबर को सुबह 06 बजकर 08 मिनट से दोपहर 01 बजकर 48 मिनट तक गणेश जी पूजा-पाठ के साथ घर ला सकते हैं। गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त वहीं गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 01 मिनट है। उस दिन दोपहर 01 बजकर 28 मिनट तक पूजा मुहूर्त है।इस समय में गणेश जी की स्थापना करके विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
गणेश चतुर्थी की पूजा विधि : गणेश चतुर्थी के दिन विधिपूर्वक गणपति बप्पा की मूर्ति को एक चौकी पर पीले रंग की चादर या कपड़ा बिछाकर उसका गंगाजल से अभिषेक करें फिर वस्त्र, फूल, माला, जनेऊ आदि से उनको सुशोभित करें। उसके बाद अक्षत्, हल्दी, पान का पत्ता, सुपारी, चंदन, धूप, दीप, नारियल आदि से पूजा करें। बप्पा को दूर्वा अर्पित करें। मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। इस दौरान ओम गं गणपतये नमो नम: मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पूजा के समय गणेश चतुर्थी व्रत कथा का श्रवण करें। फिर गणेश जी की आरती करें।
जानिए क्यों है गणेश चतुर्थी का त्योहार खास : हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपति बप्पा की स्थापना की जाती है और इस बार गणेश चतुर्थी का उत्सव 19 सितम्बर से शुरू होकर 10 दिनों तक चलेगा। वहीं गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा को ढोल नगाड़ों के साथ बड़ी ही धूमधाम से घर में लाते हैं और 10 दिन बाद उनका विसर्जन कर देते हैं।
भगवान गणपति बुद्धि और शुभता के देवता हैं। गणेश चतुर्थी का त्योहार गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और कहा जाता है कि भगवान गणपति बुद्धि और शुभता के देवता हैं। गणपति बप्पा के आशीर्वाद से संकट दूर होते हैं, जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाएं खत्म होती हैं।
ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848