सिर के बालों का है आपकी किस्मत से गहरा कनेक्शन

वाराणसी। सिर के बाल जहां आपकी सुंदरता में चार चांद लगाते हैं वहीं ये आपकी किस्मत को भी प्रभावित करते हैं। क्योंकि सिर के बालों का संबंध ग्रहों से भी है। बालों की स्थिति से आपके भविष्य को जाना जा सकता है, इनसे ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभाव जुड़े हैं। सिर के बालों से ग्रहों के संबंध जानने पर यकायक विश्वास न हों पर यह सच है। ज्योतिष, ग्रहों की प्रभावित स्थितियों के अध्ययन से इस सच को जाना गया तो लंदन के वैज्ञानिकों ने अपने शोध से इनकी सत्यता पर अपनी पुष्टी की है। यदि सिर के बालों से गलत छेड़छाड़ की जा रही है, कांटा-छांटा जा रहा है तो इससे मानसिक अशांति, कभी उद्विग्नता, कभी असमंजस, कभी अप्रियता, उपेक्षिता आदि कुछ न कुछ ऐसे वैसे प्रभाव होते जाना होगा। बाहर से खुशमिजाज दिखना अलग बात है तो भीतर से कभी असहज होना दूसरी बात है।

बालों को लेकर रिसर्च क्या कहती है? लंदन के वैज्ञानिकों ने अपने शोध से हाल ही में यह सिद्ध किया है कि बालों की सूक्ष्मता व्यक्ति की बुद्धि से सीधा संबंध रखती है। अपने शोध के प्रथम चरण में शोधकर्मियों ने कुछ सौ महिलाओं के बालों के नमूनों से उनके स्वभाव, चरित्र, तथा क्षमताओं का पता लगाया। उन्होंने निष्कर्ष निकालें कि जिन महिलाओं के बाल अपेक्षाकृत सूक्ष्म अर्थात पतले होते हैं, वे अधिक महत्वपूर्ण या अधिक वेतन के पदों पर कार्यरत होती हैं।

बालों को लेकर ज्योतिष क्या कहता है? जो स्त्रियां गृहणियां होती हैं वे सामाजिक तथा दूसरे सृजनात्मक कार्यों में सक्रिय होती हैं। इसके विपरीत मोटे बालों वाली स्त्रियां अवसरवादी तथा अस्थिर चित्त की होती हैं। भारतीय मनीषियों ने हजारों वर्ष पहले ही उक्त तथ्य का पता लगा लिया था। सामुद्रिक शास्त्र में लिखा हैं कि पतले बालों की स्त्री रानी सदृश्य होती हैं। उसी प्रकार वराहमिहिर ने वृहत्संहिता में लिखा हैं कि मोटे तथा घने बालों वाले लोग निर्धन होते हैं।

बालों का ग्रहों से है सीधा संबंध : ग्रहों की दो श्रेणियां हैं। एक श्रेणी में वे ग्रह हैं, जो मस्तिष्क को निरंतर ऊर्जावान रखते हैं। सूर्य, चंद्र, गुरु, शुक्र तथा राहु इसी श्रेणी के ग्रह हैं जो मस्तिष्क की उर्वरता को बढ़ाते हैं। इसके विपरीत मंगल, बुध, शनि तथा केतु हमेशा यथास्थिति बनाए रखने में विश्वास रखते हैं। स्थूल तथा रूखे बाल हों तो जातक मंगल, बुध, शनि तथा केतु जैसे विघटनकारी एवं विलंबकारी ग्रहों से प्रभावित होता है। सूक्ष्म, स्निग्ध तथा कोमल बाल सूर्य, चंद्र, गुरु, शुक्र तथा राहु का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य यश, चंद्र मानसिक शक्ति, बृहस्पति विवेकशीलता एवं बुद्धि, शुक्र सौंदर्य तथा राहु अच्छे अवसरों का प्रतीक है।

गंजेपन की शिकायत कब होती है? बृहस्पति श्रेष्ठ ग्रह है क्योंकि यह विवेकशीलता तथा मस्तिष्क की क्षमताओं का प्रतिनिधित्व करता है। मस्तिष्क की क्षमताओं का सही दिशा में उपयोग करने की कला भी बृहस्पति ही सिखाता है। नेतृत्व क्षमता भी बृहस्पति के कारण ही आ पाती है। इन सब गुणों या विशेषताओं के बावजूद बृहस्पति का एक नकारात्मक पक्ष है कि वह सिर पर बालों की कमी करता है। एक दृष्टि से यह हमारे लिए सकारात्मक स्थिति भी है कि हम बृहस्पति प्रधान व्यक्ति की पहचान तुरंत कर सकते हैं जिस परिवार में गंजापन वंशानुगत नहीं हो किंतु उसका कोई सदस्य बिना किसी स्वास्थ्य समस्या के गंजा हो तो यह गुरु के प्रभाव का ही द्योतक है। ऐसा जातक नेतृत्व क्षमता से संपन्न तथा विवेकशील होता है। जन्मांग में यदि लग्नगत गुरु हो तो सिर में गंजेपन की शिकायत हो सकती है।

इन डेट को जन्म लेने वाले बच्चों के बाल कम होते हैं : अंक ज्योतिष के अनुसार बृहस्पति का अंक 3 है। प्रायः देखा जाता है कि अंग्रेजी के तीसरे, छठे, नौवें तथा 12वें मास की 3, 12, 21 तथा 30 तारीख को जन्म लेने वाले शिशुओं के बाल आरंभ में बहुत कम होते हैं। इनके सिर के बालों की वृद्धि अपेक्षाकृत विलंब से होती है। इसका कारण गुरु के अंक तीन का जातक पर अत्यधिक प्रभाव होना है। विवेकशीलता के गुणों के कारण बृहस्पति प्रधान जातकों का कोई भी कार्य लापरवाहीपूर्ण नहीं होता है। इन विशेषताओं के कारण जातक की कार्य के प्रति सोचने-समझने की क्षमता में वृद्धि होती है। मस्तिष्क की शक्ति पुष्ट होती है, लेकिन सिर के बाल गिरने लगते हैं। हमेशा ऐसा नहीं होता है कि ऐसे सभी लोगों के सिर के बाल एक ही स्थान से झड़ें। भिन्न मामलों में सिर के बालों के झड़ने के स्थान अलग-अलग होते हैं।

गंजापन किस बात का संकेत है? मस्तिष्क के अगले भाग में दोनों तरफ गंजापन होना उत्तम माना गया है। ऐसे लोग विचारशील तथा व्यावहारिक होते हैं। वे प्रायः प्रोढ़ावस्था के आते-आते अपने लक्ष्य के करीब तक पहुंच चुके होते हैं। इनमें बौद्धिक क्षमता पर्याप्त होती है, जो इन्हें लगातार सक्रिय रखती हैं। ये सृजनात्मक कार्यों में ज्यादा रूचि लेते देखे गए हैं।

ऐसे लोगों को करना पड़ता है संघर्ष : मस्तिष्क के ठीक पीछे शिखा के पास बाल न होना संघर्ष करवाता है। प्रायः ऐसे लोगों को उनका भाग्य साथ नहीं देता है। वे लगातार संघर्ष करते हैं तथा अपने कल्पना लोक में विचरण करते रहते हैं। उनमें कार्य की शुरूआत करने की क्षमता का अभाव पाया जाता हैं यद्यपि वे श्रेष्ठ नेतृत्वकर्त्ता सिद्ध हो सकते हैं, लेकिन ऐसा तभी संभव है जब उन्हें व्यवसाय के आरंभ में आर्थिक के साथ-साथ मानसिक सहयोग भी प्राप्त हो।

बाल और रोग : बहुत से लोगों के सिर पर बाल होते ही नहीं। ऐसा किसी रोग विशेष के कारण भी हो सकता है। यदि इस गंजेपन का संबंध व्यक्ति के क्रियाकलापों से हो तो वह हमेशा नकारात्मक फलों को देने वाला होना चाहिए। ऐसे जातक की सफलता संदिग्ध होती है। वह चाहे बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त कर भी ले, लेकिन कार्य दूसरों के अधीन रह कर ही करता है। उसमें आत्मविश्वास का अभाव होता है।

manoj
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

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