चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने 26 किलोग्राम वजनी चंद्रमा रोवर प्रज्ञान को निष्क्रिय कर दिया, क्योंकि इसने अपना काम पूरा कर लिया है।
एक्स इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक संदेश में कहा, “रोवर ने अपना काम पूरा कर लिया है। इसे अब सुरक्षित रूप से पार्क किया गया है और स्लीप मोड में सेट किया गया है। एपीएक्सएस और एलआईबीएस पेलोड बंद हैं। इन पेलोड से डेटा लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किया जाता है।
कहा गया है, “इस समय बैटरी पूरी तरह चार्ज है। सौर पैनल 22 सितंबर, 2023 को अपेक्षित अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए उन्मुख है। रिसीवर चालू रखा गया है। असाइनमेंट के दूसरे सेट के लिए सफल जागृति की आशा! अन्यथा, यह हमेशा भारत के चंद्र राजदूत के रूप में वहीं रहेगा।” इससे पहले दिन में इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा था कि भारत के चंद्रमा लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को कुछ दिनों में निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन-सी57 (पीएसएलवी-सी57) द्वारा इच्छित मध्यवर्ती कक्षा में आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान की परिक्रमा करने के तुरंत बाद सोमनाथ ने कहा कि रोवर प्रयान लैंडर से 100 मीटर दूर चला गया है।उन्होंने कहा कि लैंडर और रोवर दोनों अच्छे से काम कर रहे हैं। उनके मुताबिक, रोवर और लैंडर को सुलाने की प्रक्रिया एक या दो दिन में शुरू हो जाएगी, क्योंकि उन्हें ठंडी रात का सामना करना होगा।
भारत 23 अगस्त को अपने लैंडर के साथ चंद्रमा की धरती पर सुरक्षित उतरा। बाद में रोवर नीचे लुढ़क गया और अपना काम करने लगा।इसरो ने कहा कि रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ऑक्सीजन, एल्यूमीनियम, सल्फर और अन्य तत्व मिले हैं, जबकि हाइड्रोजन की मौजूदगी के बारे में जांच चल रही है।