वाराणसी। बहनों द्वारा कलाई पर राखी बांधने के बाद उस राखी को उतारकर फेंकना अशुभ होता है। इससे रिश्तों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जानें कब उतार सकते हैं उस राखी को या खंडित राखी का क्या करें।
* रक्षाबंधन के बाद कम से कम 21 दिनों तक हमें राखी को अपनी कलाई पर बांधें रखना चाहिएं।
* यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो कम से कम जन्माष्टमी तक पहन कर रखें।
* इसके बाद उसे उतारकर लाल कपड़े में बांधकर ऐसी जगह रखें जहां पर बहन से जुड़ी अन्य चीजें रखी हों या कोई पवित्र स्थान हो।
* बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं, इसे त्योहार के बाद भी संभाल कर रखना चाहिए।
* फिर अगले साल जब रक्षाबंधन का त्योहार आए तो इस राखी को जल में प्रवाहित कर दें।
* यदि राखी उतारने के दौरान खंडित हो जाए हो तो उसे फिर जल में प्रवाहित कर दें या किसी पेड़ के नीचे रख देना चाहिए।
* ऐसा करते समय उसके साथ एक रुपए का सिक्का भी रख दें।
राखी बांधते वक्त इस दिशा में रखें मुख : यदि बहन अपने भाई को राखी बांध रही है तो बहन को पश्चिम में मुख करके भाई के ललाट पर रोली, चंदन व अक्षत का तिलक लगाते हुए उपरोक्ति मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
भाई को पूर्वाभिमुख, पूर्व दिशा की ओर बिठाएं। बहन का मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनका मुख कभी भी दक्षिण दिशा की ओर न हो।
सिर ढकना : अनुष्ठान करते समय भाई को अपना सिर रूमाल से ढकने की सलाह दी जाती है।
कौनसा मंत्र बोलते हुए बांधें राखी?
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।
शास्त्रों के अनुसार रक्षा सूत्र बांधे जाते समय उपरोक्त मंत्र का जाप करने से अधिक फल मिलता है। इसके बाद भाई के माथे पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधे। रक्षा सूत्र बांधते समय उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करें।
ज्योर्तिविद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848