कोलकाता : पोयला बैसाख को पश्चिम बंगाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए आम सहमति बनाने हेतु मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाजपा, माकपा और कांग्रेस के प्रतिनिधि शामिल नहीं होंगे। तीनों ही पार्टियों ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया है कि सर्वदलीय बैठक का कोई औचित्य नहीं है। बनर्जी ने पिछले गुरुवार को विपक्षी दलों को बैठक के लिए आमंत्रित किया था। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की ओर से बयान जारी करके स्पष्ट कर दिया गया है कि राज्य सरकार ने एकतरफा फैसला लिया है इसलिए इस बैठक में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है।
भाजपा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह 20 जून को पश्चिम बंगाल का स्थापना दिवस मनाती है और इससे किसी तरह से कोई समझौता नहीं होगा। पार्टी ने कहा है कि बंगाल विधान सभा की बैठक 20 जून, 1947 को हुई और प्रांत के विभाजन पर निर्णय लिया गया। कांग्रेस ने भी अपने बयान में स्पष्ट कर दिया है कि पश्चिम बंगाल दिवस जैसा कुछ नहीं है। इसे केवल राजनीतिक रूप देने की कोशिश हो रही है इसलिए इसमें शामिल नहीं होंगे।
उल्लेखनीय है कि संयोजक के रूप में विधानसभा उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी और सलाहकार के रूप में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और तृणमूल नेता सुगत बोस की एक समिति ने 15 अप्रैल (पोयला बैसाख) को पश्चिम बंगाल दिवस के रूप में मनाने की सिफारिश की है। समिति ने एक राज्य गान का भी सुझाव दिया है। भाजपा प्रवक्ता शमीक भट्टाचार्य ने कहा कि वे सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होंगे।