जलपाईगुड़ी। शायद यही है जुनून व जिंदगी की लड़ाई। कविता तिर्की जब बच्ची थीं तो उनके चाय श्रमिक पिता ने उन्हें फुटबॉल खेलने के लिए प्रोत्साहित किया था। जलपाईगुड़ी शहर के पास डेंगुआझार चाय बागान के श्रमिक लाइन नंबर 10 की निवासी कविता तिर्की को अब अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ से फोन आया है। हालाँकि एआईएफएफ ने पहले इस चाय बागान की फुटबॉल खिलाड़ी को आमंत्रित किया था, लेकिन धन की कमी के कारण यह अवसर चूक गया।
इस बार कोच अमित रॉय और फुटबॉल को समर्पित निर्मला कोचिंग कैंप के सदस्य सक्रिय रूप से धन इकट्ठा कर रहे हैं। अपने पिता के सपने को पूरा करने की दौड़ में एक कदम आगे चल रही फुटबॉलर कविता तिर्की कहती हैं, ”पिताजी आज यहां नहीं हैं, मां चाय बागान में काम करती हैं और उन्हें जो मिलता है, हम उसी से गुजारा करते हैं। मैं अमित सर से फुटबॉल खेलना सीख रही हूं।”
अब मैं महिला फुटबॉल टीम के ट्रायल कैंप के लिए दिल्ली जा रही हूं।” इस संदर्भ में कोच अमित सर ने कहा, यह बहुत खुशी की बात है कि ऐसे चाय बागान से एक बेटी इंडियन फुटबॉल के प्रीमियर लीग में खेलने के लिए ट्रायल कैंप में जा रही है। लेकिन वह आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं, इसलिए हम अनुरोध कर रहे हैं सभी को आगे आकर मदद होगा।