केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आईआईएम संबलपुर में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की घोषणा की

संबलपुर। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्थानीय युवा उद्यमियों की सहायता के लिए आईआईएम संबलपुर में इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित करने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने आईआईएम संबलपुर को बुनकरों के कौशल विकास, ग्रामीण आधारित अर्थव्यवस्था में किसानों की क्षमता निर्माण और पंचायत राज संस्थानों को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाने का सुझाव भी दिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान आईआईएम संबलपुर द्वारा आयोजित पौधारोपण अभियान और कैंपस टूर में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। धर्मेन्द्र प्रधान ने सस्टेनेबल फ्यूचर और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आईआईएम संबलपुर की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया।

उन्होंने ओडिशा के सांस्कृतिक केंद्र के रूप में संबलपुर के महत्व के बारे में भी बात की और इस क्षेत्र को बौद्धिक केंद्र में बदलने में आईआईएम संबलपुर की महत्वपूर्ण भूमिका की कल्पना की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हीराकुंड बांध, संबलपुर विश्वविद्यालय, वीआईएमएसएआर मेडिकल कॉलेज, वीएसएसयूटी इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय और गंगाधर मेहर विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित प्रतिष्ठानों और संस्थानों के साथ, आईआईएम संबलपुर की स्थापना से इस क्षेत्र के शैक्षिक परिदृश्य में व्यापक बदलाव आएगा।

आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने इस कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने और अपने प्रेरक शब्दों से छात्रों को प्रेरित करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि धर्मेन्द्र प्रधान ने आईआईएम संबलपुर द्वारा शुरू किए गए मॉडर्न क्लासरूम की सराहना की है। मॉडर्न क्लासरूम दरअसल एक ऐसा कॉन्सेप्ट है, जिसमें प्रोफेसर के बोर्ड पर लिखने के दौरान दूर बैठे छात्र भी अपने विषय को लेकर रीयल टाइम जानकारी हासिल कर सकते हैं।

इवेंट की शुरुआत पौधारोपण अभियान के साथ हुई, जहां धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जयसवाल के साथ, आईआईएम संबलपुर और आसपास के स्कूलों के विशाल परिसर में पौधे लगाने की पहल का नेतृत्व किया। यह पहल आईआईएम संबलपुर के 500 से अधिक छात्रों ने शुरू की है। पौधारोपण अभियान के बाद, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कैंपस टूर किया और बी-स्कूल के संकाय सदस्यों और छात्रों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने संस्थान के अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, शैक्षणिक सुविधाओं और अनुसंधान केंद्रों के बारे में जानकारी हासिल की। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों के संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, छात्रों और प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

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