नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023 लोकसभा में पेश किया।इस विधेयक का भारत में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण पर अधिकार क्षेत्र होगा।इसमें ऑनलाइन या ऑफलाइन एकत्र किया गया और बाद में डिजिटलीकृत किया गया डेटा शामिल है। लोकसभा में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 पेश होने पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा मैं बिल का विरोध करता हूं।
इस बिल के जरिए सरकार सूचना का अधिकार, कानून और निजता के अधिकार को कुचलने जा रही है। इसलिए हम इस सरकार द्वारा प्रदर्शित किए जा रहे इस तरह के इरादे का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। इस बिल को स्थायी समिति या किसी अन्य मंच पर चर्चा के लिए भेजें। यह विधेयक भारत के बाहर डेटा के प्रसंस्करण पर भी लागू होगा, यदि इसमें भारत में वस्तुओं या सेवाओं की पेशकश या व्यक्तियों की प्रोफाइलिंग शामिल है।
5 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी प्राप्त विधेयक का उद्देश्य भारत में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण को नियंत्रित करने वाला एक व्यापक कानूनी ढांचा स्थापित करना है। यह डिजिटल व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण को इस तरह से प्रदान करता है, जो व्यक्तियों के अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के अधिकार और वैध उद्देश्यों के लिए व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करने की आवश्यकता दोनों को पहचानता है।