कोलकाता/भांगड़। पंचायत चुनाव को लेकर भांगड़ में नामांकन जमा करने के साथ ही हिंसा शुरू हो गई थी। भांगड़ में आए दिन होने वाले धमाकों से चारो ओर दहशत का आलम था। नामांकन अवधि के बाद से हिंसक घटनाओं में कई लोग मारे गए। हालात यहां तक पहुंच गए कि पुलिस को धारा 144 लागू करने पर मजबूर होना पड़ा। इस दौरान तृणमूल विधायक सावकत मोल्ला, तृणमूल नेता अराबुल इस्लाम, आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी इलाके में घुसने का प्रयास किया। लेकिन उनमें से किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई।
इस दौरान धारा 144 लागू होने के बावजूद भी धमाके हुए। 12 और 17 जुलाई को नौशाद सिद्दीकी इलाके में घुसने का फिर से प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं घुसने दिया। इसके बाद नौशाद ने कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस जय सेनगुप्ता की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस तारीख से धारा 144 हटाई जा रही है। उस वक्त जज ने कहा था कि विधायक को अंदर घुसने में कोई बाधा नहीं है।
इस संबंध में भांगड़ निवासी शेख मुजीबुर्रहमान ने बताया कि चुनाव की घोषणा के बाद से भांगड़ में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गयी, हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से धारा 144 जारी कर दी गई। धारा 144 लागू होने के कारण भांगड़ का बड़ा बाजार लगभग बंद होने के कगार पर था। आम लोग अपने घरों से निकलने से डर रहे थे।