महामहिम राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा उद्घाटन
75 कार्यक्रमों में शामिल होंगे 575 से अधिक लेखक
लगभग 100 भाषाओं का होगा प्रतिनिधित्व
नई दिल्ली। एशिया के सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव ‘उन्मेष’ का आयोजन भा हृदय, मध्यप्रदेश के भोपाल शहर में 3-6 अगस्त 2023 को किया जा रहा है। इस बारे में जानकारी देते हुए साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव के साथ ही संगीत नाटक अकादेमी द्वारा ‘उत्कर्ष’ शीर्षक से लोक एवं जनजातीय प्रदर्शन कलाओं का राष्ट्रीय उत्सव भी आयोजित किया जा रहा है। इन दोनों समारोहों का उद्घाटन भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा किया जाएगा। आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित हो रहे इस उत्सव को साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन, संयुक्त रूप से आयोजित कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव उन्मेष जो कि अभिव्यक्ति का उत्सव है, में 75 से अधिक कार्यक्रमों में लगभग 100 भाषाओं के 575 से अधिक लेखक सहभागिता कर रहे हैं। भारत के अतिरिक्त 13 अन्य देशों के लेखक भी उत्सव में शामिल होंगे।
ज्ञात हो कि ‘उन्मेष’ का यह दूसरा संस्करण है। पहला आयोजन गत वर्ष जून में शिमला में आयोजित किया गया था। इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव में भाग ले रहे कुछ महत्त्वपूर्ण व्यक्तित्व हैं- केरल के माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, छत्तीसगढ़ के माननीय राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन, तेलंगाना राज्य की माननीय राज्यपाल तामिलिसाई सौंदराराजन, भारत में फिजी के राजदूत कमलेश शशि प्रकाश, एस.एल. भैरप्पा, शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित, वी. कामकोटि, चंद्रशेखर कंबार, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, गौतम घोष, संजय रॉय, जयंत महापात्र, ऑस्कर पुयोल, तुलसी दिवस, एम.ए. आलवार, सुरेश गोयल, गिरीश्वर मिश्र, चित्रा दिवाकारुणी, विष्णु दत्त राकेश, रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, लिंडा हेस, मामि यामदा, अमीश त्रिपाठी, सोनल मानसिंह, चित्रा मुद्गल, रघुवीर चौधरी, विनय सहस्रबुद्धे, ममता कालिया, महेश दत्तानी, वामन केंद्रे, प्रयाग शुक्ल, सुरजीत पातर, नवतेज सरना, विश्वास पाटिल, नमिता गोखले, महेंद्र कुमार मिश्र, शीन काफ निजाम, वासमल्ली के. अरुण कमल, गोविंद मिश्र, लीलाधर जगूड़ी और उषा किरण खान आदि।
इस अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव में, कविता और कहानी पाठ के अलावा, भारतीय काव्य शास्त्र, भारतीय भक्ति साहित्य, सागर साहित्य, भारत की सांस्कृतिक विरासत, भारतीय नाटकों में अलगाव का सिद्धांत, विविधता में एकता, भारत की सौम्य शक्ति, सिनेमा और साहित्य, विदेशी भाषाओं में भारतीय साहित्य का प्रचार-प्रसार, चिकित्सकों का साहित्य, साहित्य एवं प्रकृति, मशीनों का उदय – लेखक विहीन साहित्य?, रचनात्मकता बढ़ाने वाली शिक्षा, अनुवाद, प्रगति का संचालक और आलोचनात्मक विचार, योग साहित्य, मातृभाषाओं का महत्त्व, फंतासी और विज्ञान कथा साहित्य, ई-साहित्य, नारीवाद और साहित्य, आदिवासी लेखन और हाशिये का स्वर – उत्पीड़ितों का उत्थान जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों पर परिचर्चा और विचार-विमर्श होगा। उत्सव के दौरान साहित्य अकादेमी की पुस्तकें आकर्षक छूट पर बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी।