शालबनी : मनीषियों के नाम पर पौधारोपण की सलाह

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिले का शालबनी यूं तो जंगलमहल का महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों, सड़कों के निर्माण, जनसंख्या में वृद्धि और जंगलों को काटकर खेती योग्य भूमि के अधिग्रहण के कारण कुल वन क्षेत्र धीरे-धीरे कम हो रहा है। जंगल को पुनर्स्थापित करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों और अन्य लोगों द्वारा पहल की जा रही है। हालांकि आधिकारिक वन सप्ताह समाप्त हो गया है। लेकिन शालबनी ब्लॉक के अंतर्गत ढेंगबहड़ा शशिभूषण हाई स्कूल (यू.एम.) ने मानसून के मौसम को ध्यान में रखते हुए आज वन सप्ताह मनाने की पहल की।

विद्यालयों में पठन-पाठन के दूसरे चरण में प्रारंभ में वृक्षारोपण एवं वनीकरण की आवश्यकता पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में विद्यालय के पांचवीं से बारहवीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थियों ने भाग लिया। स्कूल के मुख्य शिक्षक तापस कुमार भट्टाचार्य ने छात्रों को साल में दस पौधे लगाने और उन्हें बड़ा करने के लिए पालन-पोषण करने की सलाह दी। मौके पर विद्यालय प्रबंधन संघ के अध्यक्ष बंशीधर दास उपस्थित थे। उन्होंने कहा, “छात्र हमारी अगली पीढ़ी हैं। उन्हें पर्यावरण जागरूकता में आगे आना होगा।”

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में निकटवर्ती गोदापियाशाल हाई स्कूल के पर्यावरणविद् शिक्षक मणिकंचन रॉय उपस्थित थे। उन्होंने कहा, ”स्वस्थ पर्यावरण के लिए एक पेड़ बहुत महत्वपूर्ण है।” मनीषियों के नाम पर एक पौधा लगाकर उसका पालन-पोषण करना चाहिए। इस अवसर पर अतिथि के रूप में मेदिनीपुर सदर प्रखंड के इलाहिया हाई मदरसा के शिक्षक चित्रकार नरसिंह दास उपस्थित थे। उन्होंने कहा- केवल पेड़ ही पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता को बनाए रख सकते हैं।

चर्चा के अंत में मणिकंचन रॉय ने प्रधानाध्यापक एवं अध्यक्ष को उपहार स्वरूप अमलतास का एक पौधा भेंट किया। परिचर्चा के बाद विद्यालय परिसर में अमलतास, पलाश एवं देवदारू के पौधे रोपित किये गये। संपूर्ण कार्यक्रम का सुचारू संचालन विद्यालय की जीव विज्ञान शिक्षिका सिमकी सांतरा ने किया। विद्यालय के भूगोल शिक्षक मुनमुन मिद्या एवं अन्य शिक्षकों ने शैक्षणिक संस्थान में वन सप्ताह मनाने की विशेष पहल की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 × one =