कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा सोमवार से शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान मणिपुर में जातीय हिंसा पर चर्चा करेगी। यह निर्णय एक ‘सर्वदलीय’ बैठक में लिया गया, जिसका विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बहिष्कार किया। बैठक में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी भी मौजूद नहीं थे। तृणमूल कांग्रेस के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने कहा, ‘‘यह निर्णय लिया गया है कि मणिपुर की स्थिति और पूर्वोत्तर राज्य जिस मानवीय संकट का सामना कर रहा है, उस पर विधानसभा में चर्चा की जाएगी।
तारीख और किस नियम के तहत चर्चा होगी, यह अभी तय नहीं हुआ है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस आरोप लगाती रही है कि केंद्र और मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों की ‘विभाजनकारी’ नीतियों के कारण मणिपुर में जातीय संघर्ष हुआ।
मणिपुर में तीन मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 160 से अधिक लोगों की मौत हुई है और कई अन्य घायल हुए हैं। पिछले कुछ सत्रों से सर्वदलीय बैठकों और कार्य मंत्रणा समिति की बैठकों का बहिष्कार करती रही विपक्षी भाजपा ने कहा कि वह विधानसभा में मणिपुर पर किसी भी चर्चा का विरोध करेगी।
भाजपा ने कहा कि वह राज्य में पंचायत चुनावों में हुई हिंसा पर चर्चा चाहती है जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। सिलीगुड़ी से भाजपा के विधायक शंकर घोष ने कहा, ‘‘राज्य सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। हम बंगाल में महिला सुरक्षा और राज्य में पंचायत चुनाव हिंसा पर चर्चा चाहते हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र दो सप्ताह तक चलने की संभावना है।