कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस सोमवार को सुबह उत्तरी जिलों का अपना दौरा पूरा कर लौट आए और दक्षिण 24 परगना के बसंती इलाके में पहुंचे जहां उन्होंने, राज्य में चुनाव पूर्व हिंसा में मारे गए तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता के परिजनों से मुलाकात की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कूचबेहार से वापस लौटने के बाद अपने आधिकारिक आवास राजभवन जाने के बजाय बोस सीधे बसंती ब्लॉक के फुलमलांचा इलाके में गए।
वहां उन्होंने तृणमूल कार्यकर्ता के शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया। बोस ने मृतक की बेटी तथा इलाके के अन्य निवासियों से बात की। उन्होंने वहां कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में पूछा और लोगों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया।’’ अधिकारी ने बताया कि मृतक कार्यकर्ता का घर जहां पर है वहां तक जाने वाली सड़क बेहद संकरी है और वाहन नहीं जा सकते, इसलिए राज्यपाल को मुख्य सड़क से वहां तक पैदल जाना पड़ा।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने रविवार रात ट्रेन से अपनी यात्रा के दौरान भी, मारे गए तृणमूल कार्यकर्ता के परिवार के सदस्यों से बात की थी। बोस की कोलकाता वापसी के लिए विमान के बजाय ट्रेन का चयन इसलिए किया गया ताकि लोगों के साथ वह आसानी से संपर्क कर सकें क्योंकि विमान से यात्रा के दौरान उनका मोबाइल फोन बंद रहता। राज्यपाल लोगों से अलग-थलग नहीं रहना चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने अपनी हवाई यात्रा रद्द करने और ट्रेन से कोलकाता जाने का फैसला किया ताकि लोग उन्हें फोन कर सकें और अपनी शिकायतें बता सकें।’’
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तृणमूल कार्यकर्ता की पहचान 52 वर्षीय जियारुल मोल्ला के रूप में की गई, जिसकी शनिवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। तब वह कैनिंग शहर से घर लौट रहे थे। मृतक की बेटी मनवारा ने आरोप लगाया है कि उनके पिता को प्रतिद्वंद्वी गुट से जान से मारने की धमकी मिल रही थी। मनवारा कटहलबेरिया ग्राम पंचायत से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। उन्होंने अपने पिता की मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की।
मनवारा ने पहले कहा था कि उन्हें राज्यपाल पर भरोसा है लेकिन राज्य प्रशासन पर भरोसा नहीं है। राज्यपाल उस जगह पर भी गए जहां जियारुल मोल्ला का शव मिला था। वहां उन्होंने ग्रामीणों से बात की। राज्यपाल ने इससे पहले कूच बिहार जिले के दिनहाटा और दक्षिण 24 परगना के कैनिंग और भांगर में चुनावी हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। राज्य में आठ जुलाई को जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों की लगभग 74,000 सीटों के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होंगे। इन चुनावों में लगभग 5.67 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे।