कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन को लेकर लगातार बवाल हो रहा है। चुनाव दूर हैं, अभी नामांकन की प्रक्रिया में ही हिंसा बेकाबू होती नजर आ रही है। राज्य के विभिन्न हिस्सों से हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। नामांकन पत्र दाखिल करते समय किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए बीडीओ कार्यालयों के एक किलोमीटर के दायरे में धारा 144 लगा दी गई है। पुलिस सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं, लेकिन हिंसा थमने का नाम नहीं ले
रही है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की तारीख बढ़ाने से इनकार कर दिया है। विपक्षी दलों ने इसकी तिथि बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की तारीख बढ़ाने की मांग पर विचार नहीं कर सकता। कोर्ट ने अपना फैसला पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग पर छोड़ा है लेकिन हिंसा की आशंका के चलते कोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है।
आईएसएफ ने मंगलवार को भांगर 2 ब्लॉक के लिए नामांकन भरा। इसी बीच उनकी टीएमसी समर्थकों से झड़प हो गई और भांगर में दिन भर गोलाबारी चलती रही। हिंसक घटनाओं में पुलिस सहित कई तृणमूल और आईएसएफ कार्यकर्ता घायल हो गए। दक्षिण 24 परगना के आईएसएफ कर्मियों ने भी हिंसा का आरोप लगाया है।
आरोपों के मुताबिक विजयगंज बाजार के पास 55 बम फेंके गए. पुलिस के खिलाफ हंगामा भी किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। भागन प्रखंड एक में बुधवार को आईएसएफ का नामांकन दिवस है. इस दिन अधिक हिंसा की आशंका है।