बंगाल पंचायत चुनाव || कुणाल घोष ने नामांकन पत्र वितरण में अनियमितता के आरोपों का खंडन किया

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा आगामी पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्रों के वितरण में नियमों के उल्लंघन के आरोपों का खंडन किया है। घोष ने उल्टा दावा किया कि नामांकन के पहले दिन विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा दायर नामांकन के आंकड़े इस बात का ठोस सबूत हैं कि अब तक नामांकन प्रक्रिया में पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग के कार्यालय द्वारा निर्धारित नियमों का पालन किया गया है।

घोष के मुताबिक, शुक्रवार के आंकड़े के मुताबिक भाजपा ने ही सबसे ज्यादा 677 नामांकन दाखिल किए, जो साबित करता है कि विपक्ष के नेता के आरोप कितने बेबुनियाद हैं। घोष ने एक ट्वीट में लिखा, भाजपा ने पहले दिन 677 उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल किए (ग्राम पंचायत: 568; पंचायत समिति: 95; जिला परिषद: 14) जो इस प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी को दशार्ता है। ये आंकड़े अपनी कहानी खुद बयां कर रहे हैं।

अधिकारी का षड्यंत्रकारी स्वभाव जारी है जो सच्चाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर संदेह पैदा करता है। हमें आधारहीन कयासबाजी से ऊपर उठकर सृजनात्मक संवाद के लिए तथ्यों पर फोकस करना चाहिए। इससे पहले दिन में, अधिकारी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि बांकुड़ा जिले के सालटोरा में ब्लॉक विकास कार्यालय ने एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता को अंधाधुंध तरीके से नामांकन पत्र दिए।

जो आयोग द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन किया जा सके जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को चार से अधिक नामांकन पत्र नहीं दिए जाने चाहिए। उनके अनुसार, सत्तारूढ़ पार्टी को यह विशेष वरीयता उस स्थिति में दी गई है जब विपक्षी उम्मीदवार सत्ता पक्ष के गुंडों द्वारा लगाई गई बाधाओं और अवरोधों को पार करते हुए नामांकन पत्र लेने के लिए बीडीओ कार्यालयों तक पहुंचने में कामयाब हो रहे हैं और उन्हें घंटों कतार में इंतजार कराया जा रहा है।

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