नयी दिल्ली। कैबिनेट ने 4जी और 5जी सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल को क़रीब 89 हज़ार करोड़ रुपये का राहत पैकेज देने की मंज़ूरी दे दी है। बिज़नेस स्टैंडर्ड में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार इस राहत पैकेज के बाद बीएसएनएल का ऑथोराइज़्ड कैपिटल यानी प्राधिकृत पूंजी अब बढ़ कर 1.5 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर 2.1 ट्रिलियन रुपये हो गया है।
संचार मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस नए पैकेज की मदद से बीएसएनएल पूरे देश में 4जी और 5जी सेवाएं प्रदान कर सकेगा, साथ ही विभिन्न परियोजनाओं के तहत अब तक ऐसे ग्रामीण इलाक़ों में भी 4जी सेवाएं दे सकेगा, जहां अब तक ये सेवाएं नहीं पहुंच सकी हैं।
हालांकि ये पहली बार नहीं है जब सरकार के घाटे में चल रही बीएसएनएल को राहत पैकेज दिया है। इससे पहले भारत सरकार ने अक्टूबर 2019 में बीएसएनएल को 69 हजार करोड़ रुपये और 2022 में 1.64 ट्रिलियन रुपये (इसका कुछ हिस्सा एमटीएनएल के लिए भी था) का पैकेज दिया था।
टेलिकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि इससे पहले दिए दो राहत पैकेज के साथ बीसएएनएल बेहद मुश्किल स्थिति से बाहर आ सका था, अब इस पैकेज के साथ बीएसएनएल ऐसी जगहों तक पहुंच सकेगा, जहां अब तक निजी कंपनियां नहीं पहुंच पाई हैं। उम्मीद है कि इस पैकेज के साथ बीएसएनएल आने वाले तीन सालों में घाटे से बाहर निकल सकेगी।