कोलकाता। शनिवार को दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो उपस्थित नहीं होंगी। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के प्रतिनिधि के तौर पर भी किसी को उपस्थित होने की अनुमति केंद्र की ओर से नहीं मिली है। ममता बनर्जी ने गत 15 मई को राज्य सचिवालय नवान्न में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि वह नीति आयोग की बैठक में जाएंगी। इसके बाद इसी हफ्ते उन्होंने निर्णय लिया कि वह बैठक में नहीं जाएंगी।
इसके बाद राज्य सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया था कि राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी और राज्य की वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य राज्य के प्रतिनिधि के तौर पर इस बैठक में शामिल होंगे। इस बाबत केंद्र को पत्र लिखा गया था लेकिन इसके जवाब में स्पष्ट बता दिया गया है कि बैठक में मुख्यमंत्री को शामिल होना है तो अच्छी बात है नहीं तो किसी और को शामिल होने की जरूरत नहीं है।
शुक्रवार को चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि केंद्र ने पत्र के जवाब में स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री के अलावा किसी और को बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके हम किसी दूसरे जरिए से राज्य के बकाए के बारे में केंद्र से फिर अपनी मांग रखेंगे।
उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक परियोजनाओं के फंड रोके गए हैं। ऐसे में नीति आयोग की बैठक का कोई औचित्य नहीं है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि नीति आयोग की बैठक में वह सुबह से शामिल हो जाती हैं लेकिन सूर्यास्त से पहले उन्हें बोलने नहीं दिया जाता।