भोपाल। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीते के दो महीने के एक शावक की मौत हो गई। कूनो नेशनल पार्क में दो महीनों के अंदर चार चीतों की मौत हुई है। इनमें से तीन अफ़्रीकी देशों से लाए गए चीते थे। वन विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि शुरुआती जांच से लगता है कि चीता शावक की मौत कमज़ोरी की वजह से हुई है। बयान में कहा गया, “निगरानी करने वाली टीम ने पाया कि मादा चीता ‘ज्वाला’ के चार शावकों में से तीन उनके साथ घूम रहे हैं, लेकिन एक शावक एक जगह पर पड़ा हुआ है।
इसके बाद टीम ने पशु चिकित्सकों को जानकारी दी. मौक़े पर पहुंचकर शावक का इलाज किया गया लेकिन उसकी मौत हो गई। वन विभाग के बयान में ये भी कहा गया है कि शावक की मौत कमज़ोरी के कारण हुई है क्योंकि वो जन्म के समय से ही कमज़ोर था। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, चीता ‘ज्वाला’ को सितंबर 2022 में नामीबिया से कुनो नेशनल पार्क लाया गया था।
इसी साल मार्च महीने में उसने चार शावकों को जन्म दिया था। विलुप्त घोषित किए जाने के 70 साल बाद भारत में चीतों को फिर से बसाने के लिए ‘प्रोजेक्ट चीता’ लागू किया गया है। इसके तहत दक्षिण अफ़्रीका के देशों से चीतों को दो जत्थों में यहां लाया गया था।
आठ नामीबियाई चीतों को पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में एक कार्यक्रम में कूनो नेशनल पार्क के बाड़ों में छोड़ा गया था। इसके बाद, इस साल फरवरी में दक्षिण अफ़्रीका से 12 और चीते कुनो नेशनल पार्क में लाए गए थे।