कोलकाता। पश्चिम बंगाल के 35 छात्रों को हिंसा प्रभावित मणिपुर से एक विशेष विमान के जरिये यहां वापस लाया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस विशेष विमान का प्रबंध किया गया, जो मंगलवार रात करीब आठ बजे नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। अब तक पश्चिम बंगाल के 53 छात्रों समेत 60 लोगों को हिंसा प्रभावित मणिपुर से निकाला गया है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल के 35 और छात्रों को विशेष विमान के जरिये इंफाल से निकाला गया, जो मंगलवार रात आठ बजे शहर में उतरा। ये छात्र दार्जिलिंग, कूच बिहार, मालदा, पश्चिम बर्धमान, पुरुलिया, पश्चिम मेदिनीपुर, नादिया, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना जिलों और कोलकाता शहर से ताल्लुक रखते हैं।’’
मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो रातोंरात पूरे राज्य में फैल गई थी।
पूर्व में आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर उत्पन्न तनाव के चलते झड़पें हुईं, जिसके कारण कई छोटे-छोटे प्रदर्शन हुए। मणिपुर की कुल आबादी में मेइती समुदाय की 53 प्रतिशत हिस्सेदारी होने का अनुमान है। इस समुदाय के लोग मुख्यत: इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी सहित अन्य आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत के करीब है तथा वे मुख्यत: इंफाल घाटी के आसपास स्थित पहाड़ी जिलों में रहते हैं।