सेेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय में भव्य काव्य गोष्ठी का आयोजन

कोलकाता। कोलकाता के सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय के तत्वावधान में गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) से पधारे प्रख्यात कवि कामेश्वर द्विवेदी के सम्मान में एक अंतरंग काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उन्हें अंग वस्त्र और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। इस काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता भोजपुरी एवं हिंदी के वरिष्ठ कवि रामपुकार सिंह ने की। इस मौके पर कवियों ने सभी रसों की कविताओं की धारा प्रवाहित की। गोष्ठी का कुशल संचालन करते हुए कवि विजय शर्मा ‘विद्रोही’ ने आज के देश के हालात पर कविता सुनायी कि शत्रुओं के गुप्तचरों से/अपने ही कुछ नरों से/देश आज डरा हुआ है/कहां पर खड़ा हुआ है।

काव्य गोष्ठी के उत्सवमूर्ति कवि कामेश्वर द्विवेदी ने अपनी कविता- है बुझानी धरा की अगर प्यास तो/पावनी प्रेम गंगा बहा दीजिए सहित अपनी अनेक रचनायें सुना कर श्रोताओं की भरपूूर वाह–वाही लूटी। युवा कवि परमजीत कुमार पंडित ने समाज में हो रहे भटकाव पर अपनी कविता- गहराइयों से भी घने अंधकार में ले जाता है/जिसके बाद कोई पाठ नहीं/एक अंतहीन, भटकाव-भटकाव-भटकाव की प्रस्तुति की। गोष्ठी में वरिष्ठ कवि हीरालाल जायसवाल ने कई सारगर्भित कविताएं सुनायी। उनकी कविता की बानगी है- असंतोष उभरा है जग में/शांति नहीं मिल पाती है/जीवन के हर क्षेत्र में मां/अब तेरी याद सताती है।

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि रामपुकार सिंह ने गांव पर केंद्रित अपनी कविता– सही में गांव है तो हिंद की पहचान है प्यारे/कहें क्या गांव में ही बसता हिंदुस्तान है प्यारे सुनाई जिसे श्रोताओं ने खूब पसंद किया। मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित उमेशचंद्र कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. कमल कुमार ने कहा कि कविता में कविता की संप्रेषणता सबसे जरूरी है। कविता समाज को, देश को व्यक्ति से जोड़ती है। गोष्ठी में विवेक तिवारी ने दिनकर और जयशंकर प्रसाद की रचनाओं का सुमधुर काव्य पाठ कर सबका मन मोह लिया।

गोष्ठी का शुभारंभ कवियित्री हिमाद्रि मिश्रा के सुमधुर सरस्वती वंदना” वाणी वीणा मधुर बजावे/सप्त सुरो की माला शुचि, सुंदर सरगम स्वर लहरावे” से हुआ। धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकालयाध्यक्ष मोहन तिवारी ने दिया। इस काव्य गोष्ठी में राजकुमार शर्मा, सुषमा त्रिपाठी, राकेश पांडेय, पूजा चौधरी, चारुस्मिता एवम् कुमार तेजस सहित अनेक गणमान्य सुधिजन उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eleven + three =