कोलकाता। शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामलों की सुनवाई कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गांगुली की एकल पीठ से वापस लेने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि जस्टिस गांगुली नौकरी हासिल करने के लिए आंदोलन कर रहे लोगों के लिए नायक हैं। जबकि भ्रष्टाचारियों के लिए डर का सबसे बड़ा कारण हैं। शनिवार को न्यू टाउन के इको पार्क में मॉर्निंग वॉक करने पहुंचे दिलीप घोष से जब जस्टिस गांगुली के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह न्याय की प्रतिमूर्ति हैं।
लोगों की आशा उम्मीदों के प्रतीक हैं। करीब एक महीने से इस तरह की बातें चल रही थीं कि उनके हाथ से नियुक्ति संबंधी मामलों की सुनवाई छीन ली जाएगी इसलिए अब जबकि ऐसा ही फैसला आया है तो इसके पीछे कहीं ना कहीं साजिश की बू आ रही है। यदि न्यायिक प्रक्रिया भी इन साजिशों के दायरे से बाहर नहीं रखी जाएगी तो यह चिंता की बात है।
उल्लेखनीय है कि जस्टिस गांगुली ने भी शुक्रवार रात अपना कक्ष छोड़ने के बाद मीडिया से बात की थी। उन्होंने कहा था कि लोग भले ही उन्हें नायक समझते हैं लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उस नायक की मौत हो गई है। अब संभवतः नौकरी हासिल करने की उम्मीद रखने वालों को आजीवन इंतजार करना पड़े।