कोलकाता। किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा सर्वप्रथम की जाती है। गणेश पूजन के बाद ही मांगलिक कार्यों की शुरूआत होती है। यूं तो भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के पुत्र गजानन्द के बारे ज्यादातर बातें जानते हैं जैसे उनका जन्म कैसे हुआ। गजानन्द के वाहन के बारे में, भगवान गणेश के मोदक क्यों पसन्द हैं उसके बारे में, गणेशजी के एक ही बैठक में रामायण लिखने के बारे में लेकिन क्या आप लोग भगवान गणेश की पत्नी, बेटों और पोतों के बारे में जानते हैं, हमारा मानना है कि बहुत कम लोगों को इस बारे में जानकारी होगी। आज हम अपने खास खबर डॉट कॉम के पाठकों को कुछ ऐसी ही बातें गणेशजी के बारे में बताने जा रहे हैं।
कौन हैं भगवान गणेश की पत्नियाँ
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार गणेशजी अपनी तपस्या कर रहे थे। तभी वहाँ से तुलसी जी गुजरी, वो गणेशजी को देखकर मोहित हो गई। तुलसी जी विवाह का प्रस्ताव गणेश जी के पास लेकर गई, लेकिन गणेश जी ने खुद को ब्रह्मचारी बताया और तुलसी जी से विवाह करने से मना कर दिया। विवाह प्रस्ताव ठुकराने की वजह से तुलसी माता नाराज हो गई और उन्होंने गणेश जी को श्राप दे दिया।
उन्होंने श्राप देते वक्त कहा कि उनका एक विवाह कभी नहीं होगा और उनके दो विवाह ही होंगे। भगवान गणेश इस बात से क्रोधित हो गए और उन्होंने माता तुलसी को श्राप दे दिया, कहा तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा। गौरतलब है कि भगवान गणेश की पूजा में तुलसी का प्रयोग इस कारण से नहीं किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश ब्रह्मचारी रहना चाहते थे क्योंकि वह अपने शरीर से नाराज रहते थे।
उन्हें अपना मुख हाथी जैसे लगता था। उन्हें ऐसा लगता था कि उनसे कोई विवाह नहीं करना चाहता था। इसलिए भगवान गणेश ब्रह्मचारी रहना चाहते थे। नाराज गणेश जी जहाँ भी शादी होती थी, वहाँ विघ्न डाल देते थे, ताकि विवाह ना हो सके। उन्हें ऐसा लगता था कि उनका विवाह नहीं हो पा रहा है तो वह किसी का विवाह नहीं होने देंगे।
इस वजह से देवी-देवता काफी परेशान थे। वह सभी अपनी परेशानी लेकर ब्रह्माजी के पास गए। तब ब्रह्माजी ने अपनी शक्तियों से दो कन्याओं को प्रकट किया। इन दोनों का नाम रिद्धि और सिद्धि हैं। उन्होंने रिद्धि और सिद्धि को गणेश जी के पास ज्ञान प्राप्त करने के लिए भेजा। फिर कुछ समय बाद उन दोनों का विवाह गणेश जी के साथ हो गया। लेकिन इसके अलावा गणेश जी की तीन और पत्नियाँ भी हैं जिनका नाम तुष्टि, पुष्टि और श्री है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि गणेश जी की पांच पत्नियाँ हैं।
कौन हैं गणेश जी के बेटे और पोते
भगवान गणेश के दो पुत्र हैं जिनके नाम लाभ और शुभ हैं। शुभ हमारे धन, ज्ञान और ख्याति को सुरक्षित रखते हैं अर्थात् पुरुषार्थ से कमाई गई हर चीज को सुरक्षित रखते हैं। लाभ पुत्र उसमें वृद्धि देने का कार्य करते हैं। लाभ हमें धन, यश आदि में निरंतर बढ़ोत्तरी देता है। गणेश जी की पुत्री का नाम संतोषी है। गणेश जी के भाई कार्तिकेय है और गणपति जी की तीन बहनें हैं जिनका नाम अशोक सुंदरी, ज्योकति और देवी मनसा है। गणपति जी के दो पोतें हैं जिनका नाम आमोद और प्रमोद है। गणेश जी शुभता और ज्ञान के देवता के रूप में जाने जाते हैं।
Note : आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।