कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उच्च न्यायालय से अपील की– जिसमे उन्होंने शिक्षक भर्ती घोटाले में अब तक 4,800 से अधिक शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द न करने की माग की। ममता ने कहा की हाई कोर्ट उनकी नौकरियां रद्द न करे, उनके पास पालने को परिवार है। यह राजनीति का हिस्सा नहीं है। ममता ने अपने बयान में कहा की हो सकता है कि आप मुझे, मेरी पार्टी या मेरी सरकार को पसंद न करें, अगर में गलत हूं, आप मुझे दंड दीजिए। बनर्जी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में “गलतियां” हो जाने पर सुधार किया जाना चाहिए, न की उनकी नौकरियां उनसे छीन लेनी चाहिए।
ममता ने उच्च न्यायालय से 2 लोगों का हवाला देते हुए सेवाओं को समाप्त करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया, जिनकी कथित तौर पर नौकरी खोने के बाद आत्महत्या कर ली गई थी। “मैं आपसे (उच्च न्यायालय) से पुनर्विचार करने का आग्रह करूंगी। अगर किसी और ने कुछ गलत किया है तो इन लोगों को क्यों भुगतना पड़ेगा? अगर किसी की अचानक नौकरी चली जाए तो वह अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करेगा?
उस व्यक्ति को एक मौका दें। “यदि आवश्यक हो, तो उन्हें एक और परीक्षा देने की अनुमति दें। हम अदालत के आदेश के अनुसार एक और सेटअप तैयार करेंगे।” उच्च न्यायालय ने अब तक 4,853 अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है, जिन्हें 2014 से 2021 के बीच विभिन्न सरकारी स्कूलों में फर्जी तरीके से शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नौकरी मिली थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर भर्ती घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पहले अदालत को बताया था कि 8000 से अधिक उम्मीदवारों को फर्जी तरीके से नौकरी मिली है।
इस मामले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी सहित उसके कई नेताओं की गिरफ्तारी के बाद टीएमसी गंभीर रूप से निशाने पर आ गई है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी टीएमसी सरकार पर हमला किया और ममता से माफी मांगने की मांग को रखा। अपने बयान में उन्होंने कहा की ,टीएमसी के भ्रष्ट आचरण के कारण लोग अपनी नौकरी खो रहे हैं। ममता बनर्जी को माफी मांगकर पद छोड़ देना चाहिए। कोई भी उन्हें थप्पड़ या मारना नहीं चाहता है।