कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आलू की हो रही कमी को देखते हुए राज्य सरकार जरूरतें पूरी करने के लिए 10 हजार मेट्रिक टन आलू की खरीद करेगी। सोमवार को राज्य विधानसभा में कृषि और संसदीय कार्य मंत्री शोभन देव चट्टोपाध्याय ने यह जानकारी दी। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के एक सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि आलू किसानों को नुकसान ना हो इसलिए मुख्यमंत्री ने आलू खरीदने का निर्णय लिया है। इस दौरान आलू किसानों का ऋण माफ करने के लिए भाजपा विधायक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
कृषि मंत्री से पहले शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पिछले साल आलू किसानों को फसल बेचकर लाभ हुआ था लेकिन इस बार अधिक आलू की खेती होने के बावजूद किसानों को नुकसान हुआ है। कई किसान ऋण लेकर खेती किए थे लेकिन उन्हें लागत भी नहीं मिली। इसकी वजह से वे ऋण के बोझ तले दब गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए और सरकारी दर पर आलू खरीद की व्यवस्था की जानी चाहिए।
पंचायत मंत्री प्रदीप मजूमदार ने भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आलू किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है। उत्तर प्रदेश में 4.5 रुपये प्रति किलो की दर से अच्छी गुणवत्ता का आलू बिका है। पिछले साल 14 से 15 रुपये प्रति किलो की दर से बंगाल के किसानों ने आलू बेचा था। इस साल ऐसा नहीं हो पाया। नौ रुपये प्रति किलो के हिसाब से आलू फिलहाल बाजार में बिक रहा है। इसके बाद ही कृषि मंत्री ने कहा कि एक आलू किसान को 25 क्विंटल आलू बिक्री की छूट दी गई है। राज्य सरकार सीधे उनके खाते में पेमेंट करेगी। हालांकि इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या होगा इस बारे में कृषि मंत्री ने कुछ भी नहीं बताया।
माथे पर आलू लेकर भाजपा विधायकों का विरोध : इधर आलू की समस्या को लेकर बंगाल विधानसभा में भाजपा विधायक ने माथे पर टोकरी में आलू लेकर विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी के चीफ व्हीप मनोज टिग्गा ने अपने सिर पर आलू रखकर विरोध जताया। उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य में कई आलू किसान कर्ज की वजह से खुदकुशी कर चुके हैं। हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से बताया गया कि बंगाल में आलू के कर्ज की वजह से किसी भी किसान की खुदकुशी का मामला सामने नहीं आया है।