अलीपुरद्वार। चांदनी में चाय की खेती, सुगंधित ‘मून लाइट टी’ बाजार में आ रही है। दोल पूर्णिमा की सुनहरी रोशनी में चाय पत्ती व कली तोड़ने का काम किया गया। डुआर्स में यह दूसरा साल है जब डुआर्स के माझेरडाबरी टी गार्डन अथॉरिटी ने ऐसी चाय की पत्तियों को तोड़ना शुरू किया है। जिसको ‘मून लाइट टी प्लकिंग’ कहा जाता है। कारखाने में उस खास दिन पर तोड़ी गई कच्ची चाय की पत्तियों से बनने वाली चाय को चाय बाजार में ‘मून लाइट टी’ कहा जाएगा। यह स्वाद और गंध में अन्य सभी चायों को टक्कर देगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि जोत्सना की रोशनी में पी जाने वाली चाय में प्राकृतिक रूप से एक अनोखी सुगंध पैदा होती है। फैक्ट्री में तैयार होने के बाद सुगंध को एक नया आयाम मिलता है। अब से चाय बगानों ने हर पूर्णिमा की रात को कच्ची चाय की पत्तियां तोड़ने और बाजार में बेचने का फैसला किया है, लेकिन इस चाय की कीमत आम चाय से कहीं ज्यादा होगी। मंगलवार को पूर्णिमा की रात उस चाय बागान के श्रमिकों ने बड़े उत्साह के साथ अभिनव चाय उत्सव में भाग लिया।
अकेले चांदनी पर निर्भर रहने के बजाय, श्रमिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बगीचे के कुछ हिस्सों में विशाल मशालें जलाई गईं। कार्यकर्ताओं को विशेष टॉर्च लाइट दी जाती है। यह सुरक्षा के साथ दृश्यता भी बढ़ाता है। पूर्णिमा की सुनहरी रोशनी और हरी चाय का गहरा हरा रंग, 10 हेक्टेयर बाग में धमसा मदाल की लय के साथ मून लाइट टी प्लकिंग, चाय चुनने का काम रात भर चलता रहा। कुल मिलाकर चाय बागान में होली के रंग को और भी रंगीन बना दिया।