मालदा। दुर्गम गांव में एक सरकारी स्कूल को देखकर सबकी निगाहें ठहर जाती हैं, क्या नहीं है उस सरकारी स्कूल में! बच्चों के मनोरंजन के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। कंप्यूटर से लेकर फूलों के बगीचे, पार्क तक हैं। विभिन्न विद्वानों से लेकर महान व्यक्तियों व कार्टून के चरीत्रों की चित्रकारी से पूरे स्कूल परिसर को सजाया गया है। फिल्टर्ड पेयजल की व्यवस्था है। जो एक शब्द में कई नामी निजी शिक्षण संस्थानों को मात दे देगी और यह संबंधित स्कूल के शिक्षकों, शिक्षाकर्मियों और ग्रामीणों के लिए संभव हो गया है। दुर्गापुर एसपी प्राथमिक विद्यालय दरअसल इंग्लिशबाजार ब्लॉक के नोरहट्टा ग्राम पंचायत के दुर्गापुर गांव में स्थित है। जो अब ग्रामीणों की आंखों का तारा है। यह स्कूल चमकीले नीले और सफेद रंग में बनाया गया है। गांव का कोई भी बच्चा ऐसा नहीं है जो उस स्कूल में न जाता हो।
ग्रामीणों के अनुसार हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि गांव में इतने सुंदर वातावरण वाला सरकारी प्राइमरी स्कूल बनेगा। इस तरह के संगठित स्कूल मालदा शहर में देखे जा सकते हैं। हमारा यह स्कूल अब गांव की शान है। छोटे बच्चों के खेलने के लिए पार्क है। साफ-सफाई के साथ रोजाना मिड डे मील दिया जाता है। शिक्षकों ने छात्रों को साफ-सुथरा रहने के गुर भी सिखाए। साथ ही, विभिन्न महान व्यक्तियों के चित्र छात्रों के लिए और स्कूल परिसर में चित्रित किए जाते हैं। शौचालय की सफाई हमेशा रहती है। यह सब स्कूल के प्रधानाध्यापक और अन्य शैक्षिक कर्मचारियों के लिए संभव हुआ है। हम चाहते हैं कि गांव में इस तरह से और भी कई स्कूल बनें।
दुर्गापुर एसपी प्राइमरी स्कूल के प्रधान शिक्षक तपन मंडल ने कहा कि आज का स्कूल गांव वालों के प्यार से इतनी खूबसूरती से बना है। छोटे बच्चों को विभिन्न शिक्षाओं के माध्यम से हर तरह का प्रशिक्षण दिया जाता है। खाने-पीने से पहले हाथ कैसे साफ करें, यह भी सिखाया जाता है। इस विद्यालय में चार सहायक शिक्षक हैं। वे हमेशा छात्रों को शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ विभिन्न प्रकार से स्वच्छता का प्रशिक्षण देते रहते हैं। इसमें ग्रामीणों का भी सहयोग है।