कोलकाता। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का में अडानी समूह के स्वामित्व वाले बिजली संयंत्र द्वारा हाई-टेंशन बिजली लाइनों की स्थापना के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। झारखंड के गोड्डा जिले से बांग्लादेश तक फैली एक परियोजना के हिस्से के रूप में अडानी समूह के स्वामित्व वाले बिजली संयंत्र द्वारा द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत हाई-टेंशन बिजली लाइनें स्थापित की जा रही थीं।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (एपीडीआर) और फरक्का क्षेत्र के 30 फल किसानों द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया। मामले की सुनवाई सात फरवरी को होगी। याचिकाकर्ताओं ने जनहित याचिका में कहा है कि जिस इलाके से हाईटेंशन बिजली की लाइनें गुजरेंगी।
वहां ज्यादातर लोग आम और लीची की खेती पर निर्भर हैं, ओवरहेड लाइनें उनकी आजीविका को प्रभावित करेंगी।
उनका दावा है कि ये हाई-टेंशन बिजली की लाइनें आम और लीची के बागानों के ऊपर से गुजर रही हैं और इसलिए उनके स्थान को वैकल्पिक क्षेत्रों में बदल दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया है कि पहले भी उन्होंने इस घटनाक्रम का विरोध किया था और इसके लिए पुलिस ने उन्हें पीटा था।