कोलकाता। देशभर में 74वां गणतंत्र दिवस मनाया गया। इस बार गणतंत्र दिवस की थीम नारी शक्ति थी। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गुरुवार को पश्चिम बंगाल का टैबलो निकाला गया। नारी शक्ति की थीम पर बंगाल के टैबलो में मां दुर्गा की भव्य मूर्ति थी। पीले साड़ी मां दुर्गा की मंत्र मुग्ध करने वाला था। नारी शक्ति के प्रतीक के मां दुर्गा की प्रतिमा को देख दर्शक मंत्र मुग्ध हो गए। टैबलो पर दुर्गा पूजा में होने वाले धुनुची नृत्य को दर्शाया गया है। वहीं दूसरी ओर से मुख्यमंत्री ममता रेड रोड पर गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुईं।
इस बाद गणतंत्र दिवस के अवसर देश की सैन्य ताकत, सांस्कृतिक विविधता और कई अन्य अनूठी पहलों का गवाह बना हुआ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने से जब भव्य झांकी गुजरी तो उनके चेहरे पर मुस्कान दिखी। गौरतलब है कि इस बार 2 साल बाद दिल्ली के परेड में यह झांकी निकली है।मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। इसी साल यूनेस्को ने दुर्गा पूजा को सांस्कृतिक विरासत की मान्यता दी है। इसलिए बंगाल की ओर से झांकी में देवी दुर्गा को चुना गया।
धुनुची नृत्य असल में शक्ति नृत्य है। बंगाल ट्रेडिशन में यह नृत्य मां भवानी की शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने के लिए किया जाता है। पुराणों के अनुसार, चूंकि महिषासुर बहुत ही बलशाली था। उसे कोई नर, देवता मार नहीं सकता था। मां भवानी उसका वध करने जाती हैं। इसलिए मां के भक्त उनकी शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने के लिए धुनुची नृत्य करते हैं। धुनुची में नारियल के रेशों को सुखाकर और हवन सारमग्री (धुनो) रखा जाता है। उसी से मां की आरती की जाती है। धुनुची नृत्य सप्तमी से शुरू होता है और अष्टमी और नवमी तक चलता है।