INDvsNZ : लोवर ऑर्डर के खिलाफ संघर्ष करना गेंदबाज़ों की कमजोरी

कोलकाता। 29 ओवर की चौथी गेंद पर भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने जब न्यूजीलैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज टॉम लॉथम को पवेलियन की राह दिखायी। तब किवी टीम का स्कोर 131 रन था। भारतीय टीम ने दबदबा बनाते हुए एक और बड़ी जीत की तरफ कदम बढ़ा रही थी। तब क्रिज पर आये सैंटनर ने ब्रेसवेल के साथ 7वें विकेट के लिए ताबड़तोड़ 90 गेंदों में 150 रन की साझेदारी कर टीम इंडिया को जीत से लगभग दूर ही कर दिया था। जबतक ये दोनों क्रिज पर मौजूद थे न्यूजीलैंड जीत की तरफ बढ़ रही थी।

साढ़े तीन सौ के स्कोर को बचाने में भारतीय गेंदबाज़ों को जितनी मशक़्क़त करनी पड़ी ये उसकी कमज़ोरी को भी उजागर करती है। स्लॉग ओवर्स में पिट जाना और लोवर ऑर्डर को जल्दी पवेलियन वापस भेजना पिछले कुछ साल से भारतीय टीम की बड़ी कमज़ोरी रही है। इस मैच में भी ऐसा ही देखने को मिला। 131 पर 6 विकेट लेने के बाद आख़िरी के चार विकेटों पर लगभग 180 रन खर्च करना जताता है कि टीम को अनिल कुंबले जैसे बोलर की कितनी कमी खलती है, जो पलक झपकते ही टेलएंडर्स को पवेलियन वापस भेज देते थे।

शायद जसप्रीत बुमराह के वापस आने पर इस कमजोरी पर लगाम लग सके। हैदराबाद के इस मैच में अगर आख़िरी ओवरों में मोहम्मद सिराज़ ने लगातार दो विकेट नहीं लिए होते तो शायद यै मैच न्यूज़ीलैंड के नाम होता। वनडे का अगला वर्ल्ड कप पास आता जा रहा है, जहां शुभमन गिल ने पारी की शुरुआत के लिए अपना दावा मजबूत किया है और भारत की एक परेशानी हल की है वहीं बोलिंग डिपार्मेंट में टीम इंडिया अभी भी पुराने रोग से लड़ रही है। भारतीय टीम को तुरंत इसका इलाज चाहिए।

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