कोलकाता। विश्व भारती विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुदीप्त भट्टाचार्य को निलंबित किये जाने के मामले में जाने-माने भाषाविद नोम चोमस्की सहित 250 से अधिक शिक्षाविदों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने नाराजगी जताई है। जाने-माने भाषाविद नोम चोमस्की सहित 250 से अधिक शिक्षाविदों की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर विश्व भारती के एक प्रोफेसर को हटाए जाने का विरोध किया।
इसके अलावा उनसे हस्तक्षेप की अपील करने के तीन दिन बाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने एक बयान जारी करके इस बात पर अप्रसन्नता जताई है। विश्वविद्यालय ने अपने बयान में इस बात पर अप्रसन्नता जताई कि हस्ताक्षरकर्ताओं ने वास्तविक हालात का पता लगाए बगैर पत्र पर हस्ताक्षर किए।
विश्व भारती की प्रवक्ता डॉक्टर महुआ बनर्जी की ओर से जारी बयान में यह दावा किया गया कि प्रोफेसर सुदीप्त भट्टाचार्य एक संगठन के पदाधिकारी थे, जिसकी कोई संस्थागत मान्यता नहीं है और कार्यकारी परिषद ने कदाचार के लिए उनके खिलाफ पूर्व में 14 बार आरोप पत्र पेश किए थे।