वार्षिक राशिफल 2023 : कुम्भ राशि

कुम्भ AQUARIUS (गु, गे, गो, सा, सी, सु, से, सो, द)
शुभ रंग – नीला।
शुभ अंक – 8
शुभ धातु – लोहा।
शुभ रल – नीलम।
शुभ दिन – शनिवार।
ईष्ट शनिदेव की आराधना शुभफल देगी, शनिचालीसा का पाठ करें।
शुभ तारीख – 8, 17, 26
शुभ मास – ज्येष्ठ, आषाढ़, भाद्रपद, आश्विन व पौष।
मध्यम मास – वैशाख, कार्तिक। मार्गशीर्ष, माघ व फाल्गुन।
अशुभ मास – चैत्र व श्रावण।
मित्र राशि – मीन, वृष, मकर।

कुंभ राशि के जातक अपने आस-पास की दुनिया को सुधार कर उसे रहने लायक एक अच्छी जगह बनाना पसंद करते हैं। इस राशि का प्रतीक एक आदमी है, जो कंधे पर घड़ा उठाये हुए है। ये सच्चे अर्थो में मानवीय गुणों से भरपूर होते हैं। उन्नतशील और आधुनिक जो अपने विचारो पर चलते हैं और जल्द ही दूसरे लोग भी इनसे जुड़ जाते हैं और एक बेहतर समाज बनाने के प्रयास में लग जाते हैं। इनकी मित्रता का दायरा काफी बड़ा होता है। कुंभ राशि के जातक मानव जाति के प्रति प्यार और समाज की बेहतरी के लिए कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन उसी समय में ये शांत और अलग हो जाते हैं और भावनात्मक लगाव से रहित हो जाते हैं। ये निष्पक्ष, आधुनिक और व्यावहारिक होते हैं।

ये अपने विचारों, जीवन और गति की स्वतंत्रता पसंद करते हैं और अक्सर महान आविष्कारक या तकनीकी विशेषज्ञ साबित होते हैं। अपने हर समय के बदलते विचारों की वजह से ये कभी-कभी सनकी साबित होते हैं। अलग सोच रखने वाले लोगो से कुंभ राशि के लोग सबंध नहीं बना पाते हैं। सहानुभूति, संवेदनशीलता, दार्शनिकता, दोस्ताना, आदि गुण कुंभ राशि में जन्में जातकों का एक मजबूत कौशल होता है। ये जानबूझकर अपने आप में खोए रहते हैं। जिससे दूसरे लोगों को इनसे मिलने-जुलने में परेशानी आती है। नतीजन, अक्सर ये अकेले पड़ जाते हैं।

कुंभ राशि के लोग आकर्षक होते हैं और उनके बारे में जो कुछ भी है, वो नरम और कोमल होना चाहिए। लेकिन, इनकी अपारंपरिक मानसिकता और मौलिकता अक्सर इनके विचित्र और अप्रत्याशित व्यवहार में प्रकट होती है। ये हमेशा अपने ज्ञान के क्षितिज का विस्तार करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। इनका विश्लेषणात्मक मन इन्हें विज्ञान और आविष्कार के प्रति भी आकर्षित करता हैं। ये आसानी से उत्तेजित नहीं होते, बल्कि धैर्य से काम लेते हैं। कुंभ राशि के जातक जल्दी अपनी राय नहीं बदलते हैं। इन्हे कट्टरपंथी भी नहीं कहा जा सकता है, ये प्रगतिशील दृष्टिकोण रखते हैं।

कुंभ राशि में जन्मे जातक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक और चिकित्सक बन सकते हैं। ये अपने कौशल का विश्लेषण अच्छी तरह करते हैं और घंटो अपना ध्यान केंद्रित करके रख सकते हैं। ये कलात्मक गतिविधियां में भी अच्छे होते हैं। कानून का भी एक और ऐसा क्षेत्र है, जिसमें ये बिना किसी ज्यादा समस्या के आगे बढ़ सकते हैं। हालांकि, पैसा कभी भी कुंभ जातको को चिंतित नहीं करता हैं। ये अक्सर परोपकार करते हैं और यात्रा में व्यस्त रहते हैं। जिससे इन्हें नुकसान भी होता हैं।

कुंभ राशि के जातक अपना निजी समय और स्थान बहुत पसंद करते हैं और उसमें घुसपैठ का स्वागत नहीं करते हैं। लेकिन जब लोग इन्हें जान जाते हैं, तो इन्हें आकर्षक और काफी करामाती पाते हैं। कुंभ राशि के लोगो के साथ प्यार करने का मतलब उनके कलात्मक और बौद्धिक रुचियों को साझा करना हैं। ये अपने साथी के लिए सब कुछ एकदम सही करना चाहते हैं। इनका प्यार और शादी के प्रति दृष्टिकोण तार्किक और बौद्धिक होता है। इसलिए मन के साथ दिमाग से भी प्यार करना एक अच्छे रिश्ते की पहचान है। ये मिलनसार और समझौतावादी होते हैं।

कुछ अन्य गुणों की बात करें तो ये जातक मानवीय दृष्टिकोण और प्रगतिशील जीवन और उसकी समस्याओं के प्रति स्वस्थ दृष्टिकोण रखते हैं। संकोची होते हैं, निर्णय लेने से पूर्व पूर्ण नापतौल करते हैं या अन्य लोगों द्वारा कार्यारम्भ करने तक प्रतीक्षा करते हैं। सदा सकतर्कता, धैर्य, एकाग्रता, अध्ययनशीलता से युक्त रहते हैं। वार्तालाप रूचिकर होता है। स्पष्टवादी, सबके प्रिय होते हैं। दयालु, अध्ययन प्रेमी और सज्जन होते हैं। अतीन्द्रिय शक्ति से युक्त होते हैं, ध्यान-साधना में रूचि होती है। स्मरणशक्ति तीव्र, दृष्टिकोण वैज्ञानिक होता है।

गरीबों के सेवक होते हैं। नवीन तकनीक और मशीनरी, अनुसंधान, निवेश आदि द्वारा धनार्जन करते हैं। तकनीकी शिक्षा में रूचि होती है। परिवार से लगाव होता है। जीवनसाथी के चुनाव में आयु को अनदेखी कर बृद्धि और शिक्षा में समानता पर जोर देते हैं। गृह सुसज्जित होता है जिसमें आधुनिक ढंग से पुरातात्विक सामग्री एकत्रित रहती है। अपने प्रेम को अभिव्यक्त नहीं करते। अगर इनका प्रेमी वासनाप्रिय हो तो वह असंतुष्ट होता है। क्योंकि कुंभ राशि के व्यक्ति शीतल होते हैं।

वर्षारम्भ से 16 जनवरी तक राशिस्वामी शनि 12वें तथा 17 जनवरी से वर्षान्त तक लग्न (इसी राशि में) भाव में संचार करने से इस राशि पर शनि साढ़ेसाती’ का प्रभाव रहेगा। फलत: व्यवसाय/सर्विस सम्बन्धी दौड़-धूप, वृथा परिश्रम एवं खर्च भी बहुत अधिक रहे, परन्तु इन सबके बावजूद पुरुषार्थ में वृद्धि, व्यवसाय सम्बन्धी नई-नई योजनाएँ भी बनेंगी। ता. 13 फरवरी से 14 मार्च के मध्य सूर्य इस राशि पर शनि युक्त होने से बनते कार्यों में अड़चनें उत्पन्न हो। ता. 10 मई से 17 अग तक मंगल की शत्रु दृष्टि रहने से शरीर कष्ट व उलझनें बढ़ेंगी तथा 17 जून से 3 नवं तक शनि वक्री होने से व्यवसाय एवं गृहस्थ सम्बन्धी उलझनें बढ़ेंगी।

कुल मिलाकर इस वर्ष नौकरी, रोजगार में सिर्फ मेहनत, कष्ट जारी रहेगा। किसी तारीफ, सहयोग, मनमाफिकता, प्रगति, स्थान, कार्य, स्थिति में परिवर्तन की चाहत कम ही रखें। जो चल रहा है वह बना रहे। इसका। प्रयास रखें। अधिकार, पद के अनुरूप तनाव प्रभाव रहेगा। व्यर्थ के आरोप-प्रत्यारोप भी संभव हैं। पूरे जीवन को सामने रखकर संयम, शांति रखें। व्यवसाय में अहितकर स्थिति होते-होते काम बिगड़ेंगे। नुकसान होगा। किन्हीं स्थिति में आप सम्हल पाएं यही धारणा रखें। धारणा, लोभ, लालच, बहकावा, मुगालते में कष्ट होगा। निवेश, प्रतिस्पर्धा सीमित रखें। व्यवसाय को व्यवसाय से करें। अपनी साख प्रतिष्ठा का ध्यान रखें। इस वर्ष में अवसर दिखेंगे मगर लाभ उतना संभव नहीं रहेगा।

आर्थिक दृष्टि से भी वर्ष साधारण बचत कम होगी। प्रॉपर्टी संबंधी कामकाज का साहस कर पाएंगे। कर्ज, लेनदेन बना रहेगा। जोड़तोड़ से ही कार्य होंगे व प्रतिष्ठ सम्हलेगी। फिर भी अपनी स्थिति आर्थिक साहस, सम्हल पाए उतना ही विस्तार करें। विपरीत आर्थिक कष्ट में अपनी बात सामने वाला रखेगा इसका सोच पहले रखें। घर-परिवार में आर्थिक स्पष्टता रखना उचित रहेगा। विद्यार्थियों को वर्ष विशेष मेहनत, लगन का है। यश, सफलता उसी से मिलेगी। चित्त की एकाग्रता, उद्देश्य की गंभीरता रखें तो सफलता, उत्साह रहेगा। प्रतिस्पर्धा में काफी मेहनत करना होगी। समझौता, आलस्यता को दूर रखना होगा। महिलाओं के लिए पारिवारिक दृष्टि से सच्चाई वास्तविकता से आगे आने का सोच बढ़ाना होगा।

उपाय : (1) प्रत्येक शनिवार को शिव मन्दिर में शिवलिङ्ग पर कच्ची लस्सी, बिल्वपत्र, 1 चुटकी शक्कर डालकर ( ॐ नमः शिवायः) मन्त्र पढ़कर अभिषेक करें।
(2) लोहे की कटोरी में तेल का छायापात्र करते रहें तथा वह तेल पाँच रविवार आक के पौधे पर डालें। पाँचवें शनिवार तेल चढ़ाने के पश्चात् तेल की कटोरी वही दबा दें।
(3) कार्तिक मास में (ता. 17 अक्तू से) प्रतिदिन सूर्य भगवान् को ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मन्त्र के साथ अर्घ्य दें तथा कार्तिक माहात्म्य का पाठ करें।

मासिक राशिफल 2023
जनवरी : शनि साढ़ेसाती रहने से संघर्षपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद व्यवसाय में धन लाभ एवं पदोन्नति के योग हैं। ता. 17 से शनि इसी राशि में संचार करने से नौकरी एवं व्यवसाय में उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे।

फरवरी : व्यवसाय सम्बन्धी भागदौड़ अधिक रहेगी। आय की अपेक्षा खर्च भी बढ़ेंगे तथा निकट बन्धुओं से सहयोग में कमी होगी। अपने भी परायों जैसा व्यवहार करेंगे। अपनी क्षमता और सूझबूझ से पारिवारिक स्थिति को सुलझाने में प्रयत्नशील रहें।

मार्च : कार्यक्षेत्र की स्थिति असंतोषजनक रहेगी। व्यवसाय एवं कार्यशैली में परिवर्तन की सम्भावना बनेगी। पारिवारिक मतभेद उभरेंगे। सम्पत्ति के लिए दूसरों का हस्तक्षेप आवश्यक हो सकता है। उपाय-अनुकूल फल के लिए ‘श्रीदुर्गा- सप्तशती’ का पाठ करें।

अप्रैल : कुछ रुके हुए कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। मित्रों की सहायता से किसी कठिन कार्य की सिद्धि होगी। रुकावटों के बावजूद पराक्रम में वृद्धि एवं आय के साधन बढ़ेंगे। व्यवसायिक व्यस्तताएं बढ़ेंगी।

मई : अत्यधिक भागदौड़ करने पर भी विशेष धन लाभ नहीं हो पाएगा। ताः 10 से मंगल की भी शत्रु दृष्टि होने से दौड़-धूप अधिक रहेगी। आराम कम व संघर्ष अधिक रहेगा। जमीन-जायदाद सम्बन्धी समस्याएं उत्पन्न होंगी।

जून : अर्थव्यवस्था के लिए संचित कोष में कमी होगी। शुभ कार्यों के लिए व्यय की व्यवस्था करनी पड़ेगी। घरेलू उलझनों व अपव्यय के कारण तनाव रहेगा। स्वास्थ्य परेशानी और अपने भी परायों जैसा व्यवहार करेंगे।

जुलाई : शनि वक्री होने से शुभ कार्यों में अड़चनें रहेंगी। उत्साह की भी कमी रहेगी। शरीर कष्ट रहे, स्त्री एवं सन्तान के कारण मन व्यथित रहे। घरेलु समस्याओं को हल करने। पर आकस्मिक खर्चे बढ़ेंगे।

अगस्त : व्यवसाय के क्षेत्र में संघर्षपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। उथल- पुथल भरे हालात रहेंगे। स्वास्थ्य परेशानी, आँखों में कष्ट रहेगा। परिवार में कुछ तनाव और असुखद माहौल रहेगा।

सितम्बर : भागदौड़ अधिक, चिन्ताओं में वृद्धि तथा फिजूलखर्ची बढ़ेगी। निकट बन्धुओं से मतान्तर पैदा होंगे। पारिवारिक सदस्यों के व्यवहार में कुछ रूखापन और असन्तुष्टता प्रकट होगी। कारोबार में भी उतार-चढ़ाव के संकेत हैं।

अक्तूबर : आशाओं में सफलता और राजपक्ष की ओर से मान-सम्मान में वृद्धि होगी। व्यापार और नौकरी में मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। सुख-साधनों एवं विलासादि कार्यों पर धन का व्यय होगा।

नवम्बर : पूर्वार्द्ध में अच्छे लोगों के साथ सम्बन्ध बनेंगे कुछ बिगड़े कामों में सुधार होगा। ता. 16 से मंगल की दृष्टि लग्नस्थ शनि पर रहने से धन हानि एवं किसी उच्च- अधिकारी से विरोध पैदा हो, शरीर कष्ट व मानसिक तनाव अधिक रहे।

दिसम्बर : कार्य-व्यवसाय में व्यस्तताएं बढ़ेंगी। परिश्रम और पुरुषार्थ के पश्चात् ही धन लाभ व उन्नति के अवसर मिलेंगे। परन्तु नौकरी में अफसरों से तनाव व उलझनें पैदा हों मानसिक तनाव, स्वास्थ्य में विकार और सन्तान चिन्ता रहेगी।

पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री

ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848

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