गुवाहाटी। मुंबई के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने रणजी ट्रॉफी इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बना दिया है। असम के विरुद्ध ग्रुप बी के मुकाबले में 240 के पहले दिन के स्कोर से अपनी पारी को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने 99 गेंदों पर 139 रन बनाए। वह 379 रन बनाकर पवेलियन लौटे। भाऊसाहेब निंबलकर, जिन्होंने महाराष्ट्र की ओर से खेलते हुए काठियावाड़ के विरुद्ध दिसंबर 1948 में 443 रन बनाए थे, अब भी रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक निजी स्कोर और सर्वाधिक प्रथम श्रेणी स्कोर बनाने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सूची में शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं। शॉ अब इन दोनों सूचियों में दूसरे स्थान पर आ गए हैं।
बुधवार को शॉ रणजी ट्रॉफी की एक पारी में 350 रन बनाने वाले नौवें खिलाड़ी बन गए। उन्होंने स्वप्निल गुगाले (351 नाबाद), चेतेश्वर पुजारा (352), वी वी एस लक्ष्मण (353), समित गोहेल (359 नाबाद) और संजय मांजरेकर (377) को पीछे छोड़ा। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह 400 का आंकड़ा पार कर जाएंगे लेकिन लंच से पहले के अंतिम ओवर में रियान पराग की गेंद पर वह पगबाधा हुए।
शॉ ने तीन साझेदारियां निभाई और तीनों में उनका योगदान सर्वाधिक था। पहले विकेट के लिए मुशीर खान के साथ 123 रनों की साझेदारी में उन्होंने 75 रन बनाए। अरमान जाफर के साथ दूसरे विकेट के लिए 74 रनों की साझेदारी में शॉ के बल्ले से 42 रन निकले। मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे के साथ तीसरे विकेट के लिए 401 रनों की साझेदारी में उन्होंने 262 रनों का योगदान दिया।
इस पारी ने शॉ के खराब फॉर्म के सिलसिले को समाप्त किया। पिछली सात रणजी ट्रॉफी पारियों में शॉ के बल्ले से केवल एक अर्धशतक निकला था लेकिन शायद इस पारी ने उन्हें भारतीय टीम का एक दावेदार बना दिया है। अब तक पांच टेस्ट, छह वनडे और एक टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल चुके शॉ ने आखिरी बार जुलाई 2021 में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया था।