कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट में तृणमूल समर्थित वकीलों के लगातार विरोध प्रदर्शन और हंगामे को लेकर नाराज न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने बुधवार को महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने इस विरोध प्रदर्शन को तत्काल खत्म करने की अपील करते हुए कहा है कि भारत के सबसे प्राचीन कोर्ट की गरिमा को नष्ट ना करें। इधर सोमवार से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन बुधवार को खत्म हो गया है लेकिन न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ का बहिष्कार तृणमूल समर्थित वकीलों की ओर से लगातार तीसरे दिन भी जारी है। कोर्ट नंबर 13 में बहुत कम वकील जा रहे हैं।
इसके पहले मंगलवार शाम के समय कोर्ट की अवमानना का रूल न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने जारी किया था। इसके बाद बुधवार को विरोध प्रदर्शन नहीं हुए। मामलों की सुनवाई भी लगातार चल रही है। बताया गया है कि पिछले दो दिनों में करीब 500 मामलों की सुनवाई नहीं हो पाई है। इस बीच एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने बार एसोसिएशन के सचिव विश्वव्रत बसु मल्लिक को बुलाकर कहा कि आप लोगों से अनुरोध कर रहा हूं कि इस कोर्ट का जो सम्मान है उसे नष्ट ना करें।
केवल मेरे ही कोर्ट का नहीं बल्कि किसी भी न्यायाधीश के कोर्ट को लेकर इस तरह की घटना दोबारा ना हो यह सुनिश्चित करना होगा। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आपके न्यायालय के सामने जिस तरह की घटना हुई है वह फिर कभी नहीं होगा लेकिन आप से अनुरोध है कि दोनों पक्षों के वकीलों की गैरमौजूदगी में किसी भी मामले पर फैसला मत सुनाइएगा।