Kharagpur : रेलवे ने पैसेंजर ट्रेन सर्विस ऑपरेट करने के लिए प्राइवेट पार्टी के लिए दरवाजे खोल दिए। रेल मंत्रालय 151 प्राइवेट ट्रेन चलाने के लिए रिक्वेस्ट फार क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) मांगा था, इस आर एफ क्यू की खुलने की तिथि 8 सितम्बर रखी गयी है। इसी के विरोध में भारतीय रेलवे मजदूर संघ के आह्वान पर समस्त देश में भारेमसं के अन्तर्गत आने वाले समस्त मजदूर इकाई ने 8 सितम्बर को संघर्ष दिवस मनाने का फैसला लिया है।
इसी के मद्देनजर दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ, खड़गपुर की ओपन लाइन व कारखाना शाखाओं ने मिलकर 8 सितम्बर को संघर्ष दिवस मनाने का फैसला लिया है। इस संदर्भ में दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ के जोनल अध्यक्ष प्रहलाद सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार का यह कदम निंदनीय है और रेलवे को निजीकरण की ओर ढकलने का एक प्रयास है। जब इस तरह के फैसले लिए जा रहे हैं तब रेलवे दोनों मान्यता प्राप्त फेडेरेशन कान में तेल डालकर सोये हुए हैं । इससे साबित होता है कि रेल मंत्रालय के इस फैसले में उनकी मिलीभगत हैं।
ये दोनों फेडेरेशन के बड़े नेताओं और आकाओं को सिर्फ और सिर्फ अपनी कुर्सी की चिंता है। अपनी कुर्सी की खातिर इन दोनों फेडेरेशनों ने रेल कर्मचारियों की हितों को ताक पर रख दिया है। लेकिन दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ, रेल मंत्रालय के इस कदम से चिंतित है और रेल मंत्रालय के इस कृत्य की घोर भर्त्सना करता है।