कोलकाता। शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के अध्यक्ष के रूप में सुबीरेश भट्टाचार्य की नियुक्ति की जांच की है। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार दोपहर डब्ल्यूबीएसएससी के दो पूर्व अध्यक्षों चित्तरंजन मंडल और प्रदीप कुमार सुर को मध्य कोलकाता में एजेंसी के निजाम पैलेस कार्यालय में तलब किया।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि मंडल और सूर दोनों को एक के बाद एक आयोग के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया और उस कुर्सी पर सुबिरेश भट्टाचार्य को समायोजित करने के लिए सभी मानदंडों का उल्लंघन किया गया। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, इस बात के पुख्ता कारण हैं कि भट्टाचार्य की नियुक्ति सभी मानदंडों को तोड़ते हुए घोटाले की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए की गई थी।
17 दिसंबर को ही सीबीआई की एक विशेष अदालत ने केंद्रीय जांच एजेंसी को सुबिरेश भट्टाचार्य को पांच दिनों की न्यायिक हिरासत से फिर से हिरासत में लेने की अनुमति दी थी। सीबीआई के वकील ने अदालत को सूचित किया कि सुबिरेश भट्टाचार्य ने ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के लिए गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके लिए भर्ती परीक्षा भी डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा आयोजित की गई थी।
हाल ही में, सीबीआई को गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए भर्ती परीक्षाओं की 50 ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (ओएमआर) शीट तक पहुंच प्राप्त हुई, जिसमें योग्य लोगों को वंचित करने वाले अपात्र उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए छेड़छाड़ की गई थी।
सूत्रों ने बताया कि दोनों पूर्व अध्यक्षों से पूछताछ के अलावा सुबिरेश भट्टाचार्य को मोंडल और सूर के साथ आमने सामने रखकर तीनों से एक साथ पूछताछ किए जाने की संभावना है। सुबिरेश भट्टाचार्य डब्ल्यूबीएसएससी के अध्यक्ष और उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के कुलपति के दो समानांतर पदों पर थे, जब उन्हें इस साल सितंबर में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।