नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है, जिसके बल पर देश आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर उच्चतम न्यायालय परिसर में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा,“आज कि वैश्विक परिस्थितियों में पूरे विश्व की नजर भारत पर है। भारत के तेज विकास, तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और मजबूत होती अंतरराष्ट्रीय छवि के बीच दुनिया हमें बहुत बड़ी उम्मीदों से देख रही है। इन सब के पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है।”
प्रधानमंत्री ने कहा,“हमारे संविधान के प्रेंबल की शुरुआत में जो ‘वी द पीपुल’ लिखा है। यह सिर्फ तीन शब्द नहीं है। यह एक आह्वान है, एक प्रतिज्ञा है। एक विश्वास है।” संविधान में लिखी यह भावना उस भारत की मूल भावना है, जो दुनिया में लोकतंत्र की जननी रही है। ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ रहा है। यही भावना हमें वैशाली के गणराज्य और वेद की ऋचाओं में भी दिखती है नागरिकों को सुखी रखना, साथ सच्चाई के साथ खड़े होना और सरल व्यवहार, यही राज्य का व्यवहार होना चाहिए।
आधुनिक संदर्भ में भारत के संविधान ने देश की इन सभी सांस्कृतिक और नैतिक भावनाओं को समाहित किया हुआ है। मुझे संतोष है कि आज देश मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में अपने इन प्राचीन आदर्शों को और संविधान की भावनाओं को लगातार मजबूत कर रहा है। ‘प्रो-पीपुल’ भावना की ताकत से आज देश और देश का गरीब, देश की माताएं, बहनों का सशक्तिकरण हो रहा है।” सामान्य मानविकी के लिए आज कानूनों को सरल बनाया जा रहा है। समय पर न्याय पहुंचाने के लिए हमारी न्यायपालिका भी लगातार कई सार्थक कदम उठा रही है।