कोलकाता। बीरभूम के बाद अब पश्चिम मेदिनीपुर के केशपुर में भी सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच हुई बमबारी में पार्टी के कार्यकर्ता का हाथ उड़ गया है। यहां के चड़का गांव में हुई इस घटना में जिस कार्यकर्ता का हाथ उड़ा है उसकी पहचान 35 साल के शेख रफीकुल अली के तौर पर हुई है। उसके दाहिने हाथ में गंभीर जख्म लगे हैं जिसके बाद पुलिस ने उसे केशपुर ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया। वहां इलाज की पुख्ता व्यवस्था नहीं होने की वजह से उसे मेदनीपुर मेडिकल कॉलेज में ले जाकर भर्ती कर दिया गया है।
स्थानीय सूत्रों ने बताया है कि इलाके में वर्चस्व को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल के दो गुटों के बीच हिंसक टकराव की शुरुआत हुई थी। उसी में शामिल रफीकुल पर बमबारी होने की वजह से उसके दाहिने हाथ में जख्म लगे हैं। यह क्षेत्र राज्य की ग्रामीण विकास राज्य मंत्री शिवली साहा का विधानसभा इलाका है। उन्होंने कहा कि आज दोपहर 1:00 बजे केशपुर बाजार में तृणमूल कांग्रेस की महारैली होनी थी। उसके पहले यह वारदात हुई है।
मेरे पास पुख्ता सूचना है कि इसमें सीपीएम के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा की घटना का किसी भी तरह से समर्थन नहीं किया जा सकता। पुलिस को निष्पक्ष जांच के लिए कहा गया है। हालांकि शिवली के आरोप पर राज्य के पूर्व मंत्री तथा माकपा के जिला सचिव सुशांत घोष ने कहा कि शिवली जिस पार्टी से हैं उसकी मुखिया कहती हैं कि बंगाल में माकपा बची ही नहीं है लेकिन अब शिवली को माकपा का भूत दिखाई दे रहा है।
इस तरह की हिंसक घटनाओं से हमारी पार्टी या कार्यकर्ताओं का कोई लेना देना नहीं है। इसके पीछे विशुद्ध रूप से तृणमूल के ही लोग शामिल हैं। भाजपा के सांगठनिक जिला अध्यक्ष तन्मय दास ने कहा कि इलाके में रंगदारी वसूली और वर्चस्व को केंद्र तृणमूल के दो गुटों में बमबारी हुई है।
यहां पुलिस प्रशासन नाम की कोई चीज नहीं है बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी के नेता मंत्री बंदूक और बम के दम पर लोकतंत्र को कलंकित कर रहे हैं। इसके पहले गत सोमवार को बीरभूम के सैंथिया बहरामपुर इलाके में भी इसी तरह से बमबारी हुई थी जिसमें पार्टी के दो कार्यकर्ताओं का हाथ पैर उड़ गया था। घटना में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि केशपुर की घटना में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।