न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्यकाल दो वर्षों से अधिक का होगा

नयी दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ को 50वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। हार्वर्ड लॉ स्कूल से पीएचडी प्राप्त करने वाले न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का कार्यकाल दो साल से अधिक होगा। निर्धारित 65 वर्ष की आयु में 10 नवंबर 2024 को वह सेवानिवृत्ति हो जाएंगे। मुख्य न्यायाधीश नामित न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के पिता लंबे समय तक मुख्य न्यायाधीश रहे। डा. चंद्रचूर सबसे अधिक समय तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं।

न्यायमूर्ति वाई वी चंद्रचूड़ 1978 से 1985 के बीच लगभग सात साल और चार महीने तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहे। मुख्य न्यायाधीश नियुक्त न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यूएसए के हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम की डिग्री और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट (एसजेडी) प्राप्त करने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालत की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स के साथ बीए और कैंपस लॉ सेंटर (दिल्ली विश्वविद्यालय) से एलएलबी पढ़ाई पूरी की।

उन्हें 13 मई 2016 को सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इससे पहले उन्होंने 31 अक्टूबर 2013 से सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया।
डॉ. चंद्रचूड़ को पहली बार 29 मार्च 2000 को बॉम्बे उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

उन्होंने वर्ष 1998 से 2000 तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी कार्य किया। जून 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ मुंबई विश्वविद्यालय और ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ, यूएसए में तुलनात्मक संवैधानिक कानून के विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे।

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