दिखने लगा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का असर, आरएसएस को भी सताने लगी ग़रीबी और बेरोज़गारी की चिंता

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा कि उसकी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का असर है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत इमामों और मुस्लिम समुदाय के लोगों के पास पहुंच गए। मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि भागवत को राहुल गांधी की अगुवाई में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का हिस्सा बनना चाहिए और हाथ में तिरंगा लेकर पदयात्रा करनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने देश में बढ़ रही असमानता, बेरोज़गारी और गरीबी पर चिंता ज़ाहिर करने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संगठन पर कटाक्ष किया है। पार्टी ने कहा है कि यह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का असर है।

ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के जनरल सेक्रेटरी जयराम रमेश ने ट्विटर पर कहा, ”भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव देखिए। देश को तोड़ने और समाज में ज़हर फैलाने वाले भी गरीबी, बेरोज़गारी और असमानता के मुद्दे उठा रहे हैं।’ इससे पहले रविवार को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानी आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने देश में बढ़ती ग़रीबी, बेरोज़गारी और विषमता का मुद्दा उठाया था।

होसबाले ने आरएसएस से जुड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच की ओर से आयोजित एक वेबिनार में कहा था कि ऐसा माहौल तैयार करना चाहिए, जिससे उद्यमशीलता को बढ़ावा मिले ताकि नौकरी चाहने वाले लोग नौकरी देने की स्थिति में आ जाएं। होसबाले ने देश की अर्थव्यवस्था और अमीर गरीब के बीच बढ़ते फासले पर भी चिंता ज़ाहिर की थी। जिसके बाद न केवल जयराम रमेश बल्कि कांग्रेस के कई अन्य नेता भी आरएसएस पर कटाक्ष कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि यात्रा का असर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और होसाबले पर दिख रहा है। दिग्विजय सिंह लिखते हैं, “राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ी यात्रा का क्या प्रभाव पड़ा? रामदेव ने नेहरू-गांधी परिवार की प्रशंसा करना शुरू कर दिया, मोहन भागवत ने मस्जिद और मदरसों का दौरा करना शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट कर लिखा, ”सुना है चिंता के बादल नागपुर पर छाने लगे हैं, अब तो होसबाले जी को भी बेरोज़गार नज़र आने लगे हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × 1 =