नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड की 2,747 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। जब्ती की यह कार्रवाई कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़ी धनशोधन जांच के तहत की गई है। जब्त की गई संपत्तियों में डॉकयार्ड, कृषि भूमि, वाणिज्यिक संपत्तियां और बैंक जमा शामिल हैं। ईडी ने एबीजी शिपयार्ड, उसके समूह की कंपनियों और संबद्ध कंपनियों के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया है।
जांच एजेंसी ने एक बयान में बताया कि जब्त संपत्तियों में गुजरात में सूरत और दाहेज में स्थित शिपयार्ड, कृषि भूमि और भूखंड शामिल हैं। इसके अलावा गुजरात और महाराष्ट्र में विभिन्न वाणिज्यिक और आवासीय परिसर तथा एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड, उसके समूह की कंपनियों और अन्य संबद्ध कंपनियों के बैंक खाते शामिल हैं। धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत जब्त की गई संपत्ति का कुल मूल्य 2,747.69 करोड़ रुपये है।
प्रवर्तन निदेशालय ने यह कार्रवाई केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा कंपनी के संस्थापक ऋषि कमलेश अग्रवाल को गिरफ्तार करने के एक दिन बाद की है। ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक अग्रवाल ने आईसीआईसीआई बैंक, मुंबई की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ से कर्ज लिया। यह कर्ज पूंजी आवश्यकताओं और अन्य व्यावसायिक खर्चों को पूरा करने के लिए लिया गया था।
एजेंसी ने आगे कहा कि हालांकि एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड ने कर्ज सुविधाओं का दुरुपयोग किया और धन को भारत तथा विदेश में दूसरे स्थानों पर भेज दिया। ऐसा विभिन्न ऋणों, अग्रिमों और निवेश आदि की आड़ में किया गया। आरोप है कि इन कथित अवैध लेनदेन से बैंकों के गठजोड़ को 22,842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।