नयी दिल्ली। लोकप्रिय कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने बुधवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में 58 साल की उम्र आख़िरी सांस ली। 10 अगस्त को उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। तभी से वह एम्स अस्पताल में भर्ती थे। लंबे समय तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद 21 सितंबर को उन्होंने आख़िरी सांस ली। राजू श्रीवास्तव की मौत की पत्नी शिखा हैं और उनके दो बच्चे हैं। एम्स के सूत्रों ने राजू श्रीवास्तव की मौत की पुष्टि की है। राजू श्रीवास्तव ट्रेड मिल पर दौड़ रहे थे तभी उनके सीने में दर्द हुआ था और गिर पड़े थे।
राजू श्रीवास्तव के परिवार वाले इंतज़ार कर रहे थे कि उनकी हालत में सुधार हो लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अस्पताल में भर्ती करवाने के बाद से ही राजू श्रीवास्तव की हालत नाजुक बनी हुई थी। कॉमेडियन को पहले आईसीयू में एडमिट करवाया गया था, लेकिन तबीयत में कोई सुधार ना होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया।
भरपूर कोशिश के बाद भी डॉक्टर्स राजू श्रीवास्तव को बचा नहीं पाए और सबको हंसाने वाले कॉमेडियन सबको रुलाकर हमेशा के लिए इस दुनिया से चले गए। राजू श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश फ़िल्म विकास परिषद के चेयरमैन थे। वह ‘मैंने प्यार किया’, ‘बाज़ीगर’ और ‘आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया’, जैसी फ़िल्मों में भी छोटे किरदार में दिखे थे।
राजू श्रीवास्तव 2005 में ‘द ग्रेट इंडियन लाफ़्टर चैलेंज’ में हिस्सा लेने के बाद सुर्खियों में आए थे। 1980 के दशक से राजू श्रीवास्तव इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में थे लेकिन 2005 में ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ के बाद उनकी लोकप्रियता कभी थमी नहीं। गजोधर भैया के किरदार में वह काफ़ी लोकप्रिय हुए थे। राजू श्रीवास्तव आम भारतीयों के जीवन से उन पहलुओं को उठाते थे, जिन पर हर कोई हँसने के लिए मजबूर हो जाता था।