जबलपुर। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मीडिया से न्यायपालिका के बारे में रिपोर्टिंग करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें न्यायाधीशों की गरिमा और न्यायपालिका के लिए सम्मान को बनाये रखना चाहिए, क्योंकि ये कानून के शासन और संवैधानिकता के मूल सिद्धांत हैं। धनखड़ ने यहां आयोजित ‘न्यायमूर्ति जे एस वर्मा स्मृति व्याख्यान’ में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में कहा कि एक मजबूत, निष्पक्ष और स्वतंत्र न्याय प्रणाली, लोकतांत्रिक मूल्यों के फलने-फूलने और प्रभावी होने की सबसे सुरक्षित गारंटी है। उन्होंने कहा, ‘निर्विवाद रूप से लोकतंत्र का सबसे अच्छा विकास तब होता है, जब सभी संवैधानिक संस्थानों का आपस में पूर्ण समन्वय होता है और वे अपने क्षेत्र विशेष तक ही सीमित होते हैं।’
पहले ‘न्यायमूर्ति जे एस वर्मा स्मृति व्याख्यान’ में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने मुख्य व्याख्यान दिया। राजस्थान उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति वर्मा के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में अपनी कई बातचीत को याद करते हुए धनखड़ ने कहा कि उनके कार्यकाल को न्यायिक इकोसिस्टम को बेहतर बनाने एवं पारदर्शिता और जवाबदेही को विस्तार देने के रूप में याद किया जा सकता है।
समाज पर दूरगामी प्रभाव वाले कई फैसले देने के लिए न्यायमूर्ति श्री वर्मा की प्रशंसा करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि विशाखा मामले में उनके ऐतिहासिक फैसले ने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से महिलाओं की विशिष्ट सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था के लिए पूरे तंत्र के संरचना निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय न्यायमूर्ति जगदीश शरण वर्मा को हमेशा पथ-प्रदर्शक निर्णयों और उन विचारों के लिए याद किया जाएगा, जिन्होंने नागरिकों को सशक्त बनाया है और सरकार को भी सक्षम बनाया है, ताकि वह लोगों के कल्याण के लिए संस्थानों में व्यापक बदलाव कर सके।
न्यायमूर्ति वर्मा द्वारा संघवाद से लेकर धर्मनिरपेक्षता तक और भारत में लैंगिक समानता से जुड़े कानूनों के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित किये जाने का उल्लेख करते हुए धनखड़ ने कहा कि उनका जीवन एवं उनके विचार हमें और आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति रवि मलीमथ, लोकसभा सदस्य राकेश सिंह, राज्यसभा सदस्य और जे एस वर्मा स्मृति समिति के अध्यक्ष विवेक तन्खा एवं दिवंगत न्यायमूर्ति जे एस वर्मा के परिवार के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में शामिल हुए।