कोलकाता। पश्चिम बंगाल में डेंगू और मलेरिया का डबल संक्रमण ने बंगाल के डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष राज्य में डेंगू के मामले कई गुना तेजी से बढ़े हैं। पिछले 24 घंटे में बंगाल में डेंगू के 566 नए मामले दर्ज किये गए हैं। बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने जानकारी दी। इसके अलावा 584 लोग पहले ही अस्पताल में भर्ती हैं जिनका इलाज चल रहा है। वहीं, राज्य में बढ़ते डेंगू और मलेरिया के मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग कर्मचारियों और अधिकारियों ने पूजा अवकाश रद्द करने का फैसला लिया है। इसके अलावा राज्य में सभी सावधानियाँ बरतने के लिए आम जनता कि भी जागरूक किया जा रहा है।
सबसे ज्यादा मामले कोलकाता, उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और दार्जिलिंग जिलों से सामने आ रहे हैं।’ स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी ने बताया कि इन जिलों के कुछ अस्पतालों ने बुखार को तेजी से ट्रैक करने के लिए अस्पताल में स्पेशल फीवर क्लिनिक खोल दिया गया है। वहीं, डेंगू और मलेरिया दोनों से संक्रमित होने वाले मरीज भी सामने आए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि पिछले दो हफ्तों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें मरीज डेंगू और मलेरिया दोनों से संक्रमित पाया गया है। हालांकि, स्थिति अभी नियंत्रण में है।
बंगाल के मेडिसिन के प्रोफेसर पार्थ सारथी कर्माकर ने बताया कि डेंगू के मरीजों में 50% से अधिक मामलों में प्लेटलेट्स गिरने का खतरा होता है। वहीं, मलेरिया से भी थ्रोम्बोसाइटोपेनिया हो सकता है, जिससे प्लेटलेट काउंट में भारी गिरावट का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति मलेरिया और डेंगू दोनों से संक्रमित हो सकता है यदि उसे एडीज इजिप्टी और एनोफिलीज मच्छर दोनों ने काट लिया है। हमारे सामने ऐसे कुछ मामले आए हैं जो आम बात नहीं है।”