लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था बेहतर होने के फलस्वरूप निवेश का माहौल अनुकूल होने के सकारात्मक परिणाम सामने आने का दावा करते हुए कहा कि देश दुनिया के निवेशकों के लिये उप्र आकर्षण का केन्द्र बन गया है। राज्य में 24 देशों के निवेशक अब तक 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं। सरकार की ओर से शनिवार को दी गयी जानकारी के अनुसार हाल ही में लखनऊ में हुयी ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ से प्रदेश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) तेजी बढ़ा है।
निवेश संबंधी अांकड़ों के अनुसार तीन महीनों में 24 देशों के 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश को देखते हुए सरकार ने उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य प्राप्त होने का भी दावा किया है। इनमें सिंगापुर, अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और दक्षिण कोरिया के निवेशक प्रमुख रूप से शामिल हैं।औद्योगिक विकास विभाग ने विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिये निवेशकों की सहूलियत के मद्देनजर एक ‘डेडीकेटेड हेल्पडेस्क’ का गठन कर दिया है।
अब तक मिले निवेश प्रस्तावों के आधार पर राज्य सरकार ने 39 परियोजनाओं के लिए जमीन का आवंटन कर दिया है। विभाग का दावा है कि इन परियोजनाओं के शुरु होने से 38 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित होंगे। औद्योगिक विकास विभाग का कहना है कि पिछले पांच वर्ष में उत्तर प्रदेश में निवेश के लिये 12 देशों से 26,371 करोड़ रुपए के प्रस्ताव मिले थे। सरकार ने निवेश मानक संबंधी ‘जीआईएस 23’ के लिए 93 दूतावासों, विदेश मंत्रालय और इन्वेस्ट इंडिया को पत्र भी लिखा है।