भारत जोड़ो यात्रा का अंजाम

पारो शैवलिनी, चित्तरंजन । आगामी 6 सितंबर से भारत की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा का आह्वान किया है। इस दिन कन्याकुमारी से यह यात्रा आरंभ होगी और लगातार 150 दिन पैदल चलकर लगभग 3500 किलोमीटर का सफर पूरा कर कश्मीर पहुंच कर समाप्त होगी। यों तो देश की आजादी के बाद से ही कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है का नारा हम सुनते आये हैं। लेकिन आजाद भारत में पिछले 75 सालों के इतिहास में आजतक इतनी लम्बी पदयात्रा किसी भी दल की तरफ से नहीं किया गया।

इसलिए हम इसे एक ऐतिहासिक यात्रा के रूप में देख रहे हैं। इस ऐतिहासिक यात्रा का अंजाम क्या होगा यह अभी बता पाना जल्दबाजी होगी। तब है कि इतना तो कहा ही जा सकता है कि 2014 के सत्ता-परिवर्तन के बाद से देश की आम जनता को हर दिन बदहाली की तरफ ढकेला गया है, इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है। हर क्षेत्र में चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो या स्वास्थ्य का ही क्षेत्र क्यों ना हो आम लोगों से काफी दूर हो गया है।

इसका एकमात्र कारण है देश में सुरसा की मुंह की तरह बढ़ रही मंहगाई। देश में मंहगाई आज किस चरम पर है इस पर अलग से कुछ कहने की जरूरत नहीं है। देश की वर्तमान सरकार की अर्थव्यवस्था अमीरों को और अमीर तथा गरीबों को और गरीब बना रही है। दूसरे शब्दों में कहे कि मोदी सरकार देश से गरीबी नहीं बल्कि गरीबों को मिटाने का संकल्प लेकर चल रही है। अतएव इस सरकार का खात्मा ही गरीबों का उद्धार कर सकता है।

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पारो शैवलिनी कवि

इसी उद्देश्य को लेकर देश की सबसे पुरानी राजनैतिक पार्टी कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा का आह्वान किया है और इस यात्रा में कांग्रेस अपनी पार्टी के झंडे के साथ नहीं बल्कि देश की तिरंगा लेकर आगे बढ़ रही है ताकि कोई भी अन्य दल आसानी से इसके साथ चल सके। यह एक स्वर्णिम समय है सभी विपक्षी दलों को एक साथ चलकर भारत जोड़ो यात्रा को अपने अंजाम तक पहुंचाने का। 2024 में आम जनता को बदहाली से उबारने का।
जय भारत, जय भारत जोड़ो यात्रा।

(नोट : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी व व्यक्तिगत है। इस आलेख में दी गई सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई है।)

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