पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में आज कहा कि यदि विपक्ष वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़े तो केंद्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सफाया हो जाएगा। कुमार ने विधानसभा में विश्वास मत पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार काम नहीं कर रही बल्कि केवल प्रचार करने में लगी है। इस सरकार में लोगाें की आमदनी लगातार घटती जा रही है, जिससे लोग सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा समाज में झगड़ा कराना चाहती है और फिर उसका लाभ उठाना चाहती है, जिसे हमलोगों को समझना होगा।
इसके बारे में हमलोग गांव-गांव जाकर लोगों को बताएंगे। ये लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को भी समाप्त कर देंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष के कई दलों से उनकी बातचीत हो रही है। यदि पूरा विपक्ष वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़े तो केंद्र में भाजपा कहीं भी नहीं टिक पाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “कोई पद धारण करने की मेरी कभी इच्छा नहीं रही लेकिन मेरी एक इच्छा है कि समाज में प्रेम, सौहार्द्र और आपसी भाईचारे की भावना कामय रहे, समाज के सभी वर्ग का विकास हो ताकि बिहार तरक्की की नई ऊंचाइयों को छूए।” उन्होंने कहा कि अब तय हो गया है और हमारा संकल्प है कि हमलोग मिलकर काम करेंगे और बिहार का विकास करेंगे।
कुमार ने कहा, “हमारी तकलीफ जान लीजिए, हमारे साथ पहले जो काम करते थे उन्हें वर्ष 2020 में सरकार बनी तो मौका नहीं दिया गया। जिसे (आरसीपी सिंह) अपनी पार्टी में हमने नीचे से ऊपर लाया वह अपनी मर्जी से केंद्र में मंत्री बन गया और उसके बाद उसीके जरिए मेरी पार्टी (जदयू) में गड़बड़ करने की कोशिश की जाने लगी।” उन्होंने कहा कि सुशील कुमार मोदी, प्रेम कुमार, नंदकिशोर यादव, रामनारायण मंडल और विनोद नारायण झा जैसे लोगों को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया।
सिर्फ दो पुराने लोगों को ही भाजपा से इस बार मंत्रिमंडल में जगह दी गई। इसी तरह नंदकिशोर यादव को पहले विधानसभा अध्यक्ष बनाने की बात हुई लेकिन उनकी जगह पर श्री विजय कुमार सिन्हा को जिम्मेदारी दे दी गई। उन्हें इस पर कुछ नहीं कहना है लेकिन इतना तय है कि भाजपा में भले लोगों को काम करने का मौका नहीं मिलता है। जो अनाप-शनाप बोलते हैं उसे ही आगे बढ़ाया जाता है।