पार्थ और अनुब्रत के बाद ममता के ये 3 मंत्री ED के रडार पर

कोलकाता। पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल के बाद अब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की सरकार में शामिल कई और मंत्रियों पर ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की जांच का फंदा कसता दिख रहा है। इनके अलावा 22 और विधायक भी अपनी संपत्ति के हिसाब से जांच के दायरे में आ सकते हैं। ममता बनर्जी के मंत्रियों की दिक्कत कलकत्ता हाईकोर्ट के नए आदेश से बढ़ी है। मामला ये हैं कि साल 2017 में विप्लव रॉयचौधरी नाम के वकील ने कलकत्ता हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। उन्होंने अर्जी में कहा था कि साल 2011 से 2016 के बीच ममता की पार्टी के 19 विधायकों की संपत्ति बेहिसाब बढ़ी है।

और इसकी जांच होनी चाहिए। इस अर्जी पर 5 साल से कोई फैसला नहीं हुआ। बीते दिनों जब शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता के मंत्री रहे पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी हुई और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के यहां 50 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली तो विप्लव रॉयचौधरी एक बार फिर कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंच गए। उन्होंने वहां अर्पिता के पास से मिली संपत्ति के वीडियो दिखाए और अपनी अर्जी पर जल्दी सुनवाई की मांग की।

इस पर हाईकोर्ट ने अर्जी को मंजूर किया और ईडी की जांच की बात कही। कोर्ट की ओर से जांच की बात कहते ही ममता के तीन कद्दावर मंत्री फिरहाद हकीम, ज्योतिप्रिय मल्लिक और अरुप रॉय भी हाईकोर्ट पहुंच गए। उन्होंने कहा कि जांच में ईडी को शामिल नहीं करना चाहिए। मंत्रियों की दलील ये थी कि गड़बड़ी के सबूत न चुनाव आयोग को मिले हैं और न ही इनकम टैक्स विभाग ने ही कोई सवाल उठाया है। हाईकोर्ट इस मामले में अब फैसला करने वाला है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल के मंत्री और विधायक गो तस्करी, कोयला घोटाला और शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी और सीबीआई की जद में आ चुके हैं। इनमें ममता के भतीजे और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी भी है। बीते हफ्ते ही सीबीआई ने गो तस्करी के मामले में ममता के करीबी और बीरभूम में टीएमसी चीफ अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया है। शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस मामले में जल्द विधायक माणिक भट्‌टाचार्य पर भी एक्शन हो सकता है। ईडी ने माणिक से बीते दिनों कई घंटे पूछताछ की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 − 4 =