कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार में कैबिनेट मंत्री पद से बर्खास्त पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को कोर्ट ने 31 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए हैं। इससे पहले कोलकाता के सिटी सेशंस कोर्ट ने दोनों को 18 अगस्त तक हिरासत में भेजा था। ईडी ने बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दोनों को 25 जुलाई को गिरफ्तार किया था। अर्पिता के घर छापेमारी में ईडी को 50 करोड़ से ज्यादा कैश और गोल्ड बरामद हुआ था। अर्पिता ने पूछताछ में कबूला था कि यह पैसा पार्थ का है।
उसके घर में सिर्फ पैसों को रखा गया था। गुरुवार को ईडी ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को कोलकाता की विशेष अदालत में पेश किया। जहां कोर्ट ने दोनों को 14 और दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब 31 अगस्त को मामले में सुनवाई होगी।
ईडी के मुताबिक, शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ मुख्य आरोपी हैं। घोटाले के वक्त पार्थ शिक्षा मंत्री थे। वहीं, अर्पिता मुखर्जी पर पार्थ की सहयोगी के रूप में काम करने का आरोप है। अर्पिता के घर ईडी को छापेमारी के दौरान 50 करोड़ से ज्यादा कैश और बड़ी मात्रा में ज्वैलरी बरामद हुई थी। बाकायदा ईडी को नोटों की गिनती के लिए बैंक से मशीनें मंगानी पड़ी थी। नोटों को ले जाने के लिए आरबीआई ने ट्रकों की व्यवस्था की थी।